रहस्य से भरा डार्क मैटर….
Posted On November 27, 2024
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1 कुछ साल पहले ब्लैक होल का शोर सुनाई देता था लेकिन आजकल डार्क मैटर की चर्चा है . क्या है ऐसा कि वैज्ञानिकों को काली चीजें इतनी पसंद आने लगी हैं . ब्लैक होल के जलवे आज भी कम नही है लेकिन डार्क मैटर को ले कर इधर कुछ नई खोजें हुई हैं . पहले चमकीली चीजें को लेकर वैज्ञानिक ज्यादा उत्साहित थे जैसे सूरज और तारों की दुनिया को लेकर . अब वैज्ञानिकों को तारों और सूरज के बारे मे बात करने के लिए कुछ नया नही है .
ब्लैक होल तो एक मरा हुआ तारा है लेकिन डार्क मैटर क्या है ? इसके बारे मे ज्यादा जानकारी किसी के पास नही है बस एक ही सटीक जानकारी है कि इसमे वज़न होता है और ये बहुत ज्यादा मात्रा मे है , कितना वज़न है इसमे इसका अंदाज़ा लगाना तो मुश्किल है. लेकिन कहा जाता है कि पूरे ब्रह्मांड मे जितने भी जिन्दा या मुर्दे तारे , ग्रह , उपग्रह , गैस के बादल , और धूल को मिलकर जितना वज़न निकलता है उसके दोगुने से भी ज्यादा वज़न का सामान्य पदार्थ सृष्टि मे मौजूद है. लेकिन इस सामान्य पदार्थ के पाँच गुने से भी ज्यादा वज़न डार्क मैटर का है .
आकाश गंगा जिसमे सूरज जैसे कई सौ अरब तारे हैं . आपको पता है कि जब कोई ढीली ढाली चीज अपनी धूरी पर घूमती है तो उसके बाहरी हिस्से की रफ़्तार भीतरी हिस्से से कम होती है . लगभग चार सौ साल पहले तक अपने सौर मंडल मे शनि ग्रह को सबसे बाहरी सदस्य माना जाता था और बहुत धीरे धीरे चलने के कारण ही उसका नाम ‘’ शने चर ‘’ पड़ा. लेकिन आकाश गंगा के बाहरी तारे धीरे धीरे चलने के बजाय काफी तेज चलतें हैं . यह तभी संभव है जब काफी वज़न वाला कोई अदृश्य पदार्थ आकाश गंगा के बाहरी हिस्सों मे मौजूद हो . ब्रह्मांड के ज्यादा बड़े पैमानों पर इस अदृश्य पदार्थ का दखल आकाश गंगा से कही ज्यादा बड़ी मात्रा मे दर्ज किया जा रहा है .
पिछले साल कुछ अमेरीकी वैज्ञानिकों ने कैनन कैमरा के 400 MM वाले आठ लेंस जोड़ कर बनाए गए. एक शौकिया टेलेस्कोप ड्रेगन फ्लाई से एक अजीब खोज कर डाली . उन्होंने एक ऐसी गलेक्सी का पता लगाया जिसमे तारे बहुत ही कम थे . बीते 25 अगस्त को एक बड़े टेलिस्कोप से इसकी पुष्टि की गई कि कमोबेश हमारी आकाश गंगा जितनी ही बड़ी इस गेलेक्सी मे दृश्य पदार्थ इसके कुल वज़न का सिर्फ 0.01 प्रतिशत हिस्सा बना रहा है . बाकी 99.99 प्रतिशत हिस्सा अदृश्य पदार्थ यानि डार्क मैटर का है . ऐसा भी कह सकतें हैं कि इस खोज से हम अज्ञात के एक बहुत बड़े दायरे मे प्रवेश कर रहे हैं .