क्या पार्टी बचा पाएगी अपने नेता को ?
Posted On January 18, 2025
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2 आप नेता की सेक्स सी. डी. प्रकरण मे सी. एम्. केजरीवाल ने गन्दी मछली कह कर उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया . लेकिन अपने पद और साख को ताक पर रख कर पत्रकार से नेता बने आशुतोष ने उनका बचाव करते हुए कहा है कि ‘’ महिला एवं बाल विकास मंत्री को इस तरह पार्टी से निकलना ठीक नही है . उन्होंने ये भी कहा है कि जब दो व्यस्क आपसी रजामंदी से सेक्स संबंध बनाते है तो इसमे कुछ भी अनुचित नही है .’’
आशुतोष ने एक ब्लॉग के जरिये आगे लिखा है कि, सेक्स हमारी मूल प्रवृत्ति का हिस्सा है जैसे हम खाते हैं ,पीते हैं या सांस लेते हैं उसी प्रकार की प्रवृत्ति सेक्स की भी होती है . उन्होंने इस प्रकरण के न्यूज पेपर और टी.वी. न्यूज की हेड लाइन बनने पर भी सवाल खड़े किये है . आशुतोष ने आगे लिखा है कि गाँधी ,नेहरू और बाजपेई जैसे नेताओं की रंगीन मिजाजी से भारत का इतिहास भरा पड़ा है ,जिन्होंने सामाजिक बन्धनों से अलग जाकर अपनी इच्छाओं की पूर्ति की है .
आप नेता का कहना है कि कई सहयोगी महिलाओं से पंडित नेहरू के प्रेम के किस्से चटखारे लेकर सुनाये जातें हैं , लेकिन इससे उनका राजनैतिक कैरियर ख़त्म नही हुआ .गाँधी जी के बारे मे आशुतोष का कहना है कि इतिहास इस बात का गवाह है कि 1910 के दशक मे गाँधी जी और सरला चौधरी के रिश्तों को लेकर काँग्रेस की टॉप लीडरशिप चिंचित थी . बाजपेई जी ने RSS की परम्परा के मुताबिक शादी नही की लेकिन उन्होंने संसद मे कहा था कि वो बैचलर हैं लेकिन ब्रह्मचारी नही हैं .
शायद आशुतोष जी ये भूल रहें हैं कि, वो किस समाज मे रहतें हैं ? एक तरफ महिला विकास मंत्री कह रहें हैं कि सी. डी. मे वो नही हैं तो आशुतोष को सफाई क्यों देनी पड़ रही है . आशुतोष को आचार्य रजनीश तो याद ही होंगे जिन्होंने भी ये कहा था कि की सेक्स हमारी मूल भूत आवश्यकता है, प्रत्येक मनुष्य के भीतर [ चाहे वो नवजात ही क्यों न हो ] सेक्स जन्म के साथ ही होता है और वो किसी न किसी प्रकार इसकी जरुरत की पूर्ति करता है चाहे स्तनपान के रूप मे हो या फिर बालिका का अपने पिता के प्रति आकर्षण .