फेसबुक का मिस्टर इंडिया…
जैसे मिस्टर इंडिया फिल्म मे मिस्टर इंडिया किसी को दिखाई नही देता था वैसे ही आजकल एक शख्स फेसबुक पर सक्रिय है जिसके बारे मे कोई भी नही जानता , वो लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है . लेकिन उसे आजतक किसी ने भी नही देखा और ना ही कोई उसका नाम जानता है .लोग किसी की थोड़ी बहुत मदद करके खूब बढ़ा – चढ़ा कर बताते हैं , नेता मंत्री चौराहों पर दिए गए भाषणों मे अपने काम की उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटते नज़र आते है . लेकिन करोडो मे एक लोग ऐसे भी होते हैं जो मदद करके भी गुमनामी की जिंदगी जीते हैं .
फेसबुक का मिस्टर इंडिया धर्म जाति को नही देखता . मूलरूप से हिमाचल और वर्तमान रूप मे दिल्ली मे रहने वाला ये शख्स ‘’ सेवक ‘’है . सेवक इसका असली नाम नही है, [ सेवक नाम सिर्फ आपको उसका परिचय देने के लिए दिया जा रहा है ] सेवक बीमार लोगों को मदद के लिए की गई पोस्ट पर सहायता के लिए तैयार रहता है उसको इस बात से कोई फर्क नही पड़ता है कि बीमार कहा से है ? किस जाति अथवा किस धर्म से है ? अब तक वो यू.पी. के हल्द्वानी और आस पास के 7 लोगों की मदद कर चुका है . वक़्त कुछ इस तरह का है कि लोग सड़क पर तडपते किसी भी व्यक्ति को देख कर आगे बढ़ जाते है .
मिस्टर इंडिया अपना नाम किसी को नही बताता उसके इस काम को देखते हुए आर टी आई कार्यकर्ता गुर्विदर सिंह चड्ढा ने उसे सेवक नाम दिया है . चढ्ढा ने फेसबुक पर बागेशवर के एक बच्चे के इलाज़ की मदद के लिए एक पोस्ट डाली थी , एक सप्ताह के बाद फेसबुक आई डी पर दर्ज उनके नंबर पर फोन आया और बच्चे की मदद करने की इच्छा जाहिर की . वो बच्चा तो नही रहा लेकिन सेवक ने उस बच्चे की दोनों बहनों की पढ़ाई का जिम्मा उठाने का प्रस्ताव रख दिया , नाम पूछने पर सेवक सिर्फ हंस दिया .’’ क्या काम करते हैं ?’’ इस सवाल पर भी सिर्फ हंस दिया . ‘’ लोगों की मदद करतें हैं और सामने भी नही आते ‘’ तो सेवक ने कहा ‘’ मदद ऐसी ही होनी चाहिए कि लेफ्ट हाथ अगर मदद करे तो राइट हाथ को भी नही पता लगना चाहिए .’’ नाम पूछने के सवाल पर उसने कहा कुछ भी रख दो नाम मे क्या रखा है . इसलिए गुर्विदर सिंह चढ्ढा ने अपनी तरफ से ’’ सेवक ‘’ नाम दे दिया .