महात्मा गांधी का विवादस्पद व्यक्तित्व …
मोहनदास करमचन्द गांधी भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के एक प्रमुख राजनैतिक और आध्यात्मिक नेता थे . वो सत्याग्रह के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकारक व अहिंसा के पुजारी थे .इन्होने अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए भारत को आज़ादी दिलाकर पूरी दुनिया की जनता में नागरिक , अधिकारों एवम् स्वतंत्रता के प्रति आन्दोलन के लिए प्रेरित किया . दुनिया इन्हें आज महात्मा गाँधी के नाम से जानती है .
आज़ादी के संघर्ष के कारण इन्हें कई अवसरों पर दक्षिण अफ्रीका और भारत में कई वर्षों तक जेल में रहना पड़ा .
1942 में ‘’ अंग्रेजों भारत छोडो ‘’ आन्दोलन ने खासी लोकप्रियता हासिल की . गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया , इन्होने साबरमती आश्रम में अपना जीवन व्यतीत किया , कड़ी को अपनाया और विदेशी कपड़ों का बहिष्कार किया .
2011 में प्रकाशित किताब ‘’ ग्रांट सोल ‘’ के लेखक जोजेफ लेलिवेल्ड ने महात्मा गांधी और दक्षिण अफ्रीका में रह रहे उनके सहयोगी ‘’ हर्सेन केलेनबाख ‘’ में अनन्य प्रेम संबंध बताया . पुस्तक के प्रकाशन के समय इस कारण से भारत में विवाद उत्पन्न हो गया , और गांधी जी के गृहराज्य गुजरात की विधान सभा ने एक संकल्प के माध्यम से इस पुस्तक की बिक्री पर रोक लगा दी .महात्मा गांधी और उनके दक्षिण अफ्रीकी मित्र हर्मन कालेनबाख से सम्बंधित दस्तावेजों को 1.28 मिलियन डॉलर में [ करीब 7 करोड़ भारतीय रुपयों ] खरीद कर भारत लाया गया . 2012 में नीलम होने से पहले भारत सरकार ने इन्हें सोदबी नीलामीघर से गोपनीय करार मे खरीदा था .उसमे गांधी जी के कुछ ऐसे पात्र भी थे जिन्हें कुछ समीक्षक ‘’ प्रेम पत्र ‘’ कहते हैं इन दोनों का रिश्ता काफी विवादित रहा था .
गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका को लेकर कुछ लेख काफी विवादस्पद रहे थे. 7 मार्च 1908 को गांधी जी ने इंडियन ओपिनियन मे दक्षिण अफ्रीका मे उनके कारागार के जीवन के बारे में लिखा ‘’ काफिर शासन में ही असभ्य हैं , कैदी के रूप में तो वो और भी कष्टदायक , गंदे और लगभग पशुओं की तरह रहते हैं .१९३ मे अप्रवास विषय को लेकर गांधी जी ने टिपण्णी की थी ‘’ हम मानते हैं कि दक्षिण अफ्रीका मे जो गोरी जाती है उसे ही श्रेष्ठ जाति होना चाहिए ‘’.गांधी जी के इन कथनों ने उन्हें कुछ लोगों द्वारा नस्लवादी होने का भी आरोप लगाया .
1938 मे राष्ट्रपति के लिए चुने गए सुभाष चन्द्र बोस के साथ गांधी जी के मतभेद थे , बोस ने गांधी जी की आलोचना के बावजूद भी दूसरी बार जीत हासिल की . लेकिन सिर्फ कांग्रेस पार्टी को छोड़ कर सभी भारतीय नेताओं ने गांधी जी द्वारा लागू किये गए सभी सिद्धान्तो का परित्याग कर दिया . कहा यह भी जाता है कि गांधी जी ब्रह्मचर्य का पालन करते थे ,और इसके परिक्षण के लिए वो नग्न अवस्था में युवतियों के साथ सोते थे . वैसे भी शीर्ष पर पहुचने वाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ कुछ न कुछ विवाद अवश्य ही जुड़े होते हैं ….