सांप का जहर निकाले.एक मिट्टी ऐसी भी….
मध्य प्रदेश, क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य है . यहाँ अभी भी बहुत सी आबादी आदिवासियों की है . ये लोग अभी भी पुराने रीती रिवाज से जुड़े हुयें हैं . ऐसा ही कुछ नाग पंचमी के दिन देखने को मिलता है . नाग पंचमी के दिन यहाँ बहुत भीड़ जुटती है . छतीसगढ़ के जांजगीर जिले के कैथा गाँव मे नाग पंचमी वाले दिन लोग दूर – दूर से यहाँ पूजा करने आते हैं . कैथा गाँव मे स्थित बिरतिया बाबा के मंदिर मे सुबह से ही श्रध्दालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगती है . बाबा और नाग देवता की पूजा के लिए हज़ारों की तादाद मे यहाँ पहुंचे श्रद्धालु हाथ मे दूध , लाइ , नारियल , फूल , अगरबत्ती ले कर कतार मे अपनी बारी का इंतज़ार करतें हैं .कैथा गाँव की मान्यता है कि , इस गाँव पर नाग देवता का आशीर्वाद है और इस गाँव की मिट्टी मे इतनी ताकत है , इसे खिला देने मात्र से जहरीले से जहरीले सांप का जहर भी बेअसर हो जाता है , सांप का जहर उतरने लगता है .किवदंतियों के मुताबिक , सदियों पहले गाँव के जमीदार ने एक सांप का जीवन बचाया था , जिसके बदले मे सांप ने वरदान दिया था कि ‘’ इस गाँव की मिट्टी खिलाने मात्र से ही जहरीले से जहरीले सांप का जहर भी उतर जायेगा ‘’ साथ ही जिस सांप ने काटा हो , उसे समय रहते गाँव की सरहद
मे लाया जाए तो उसकी जान बच जायगी . यह मान्यता आज तक चली आ रही है , यही कारण है कि लोग नाग पंचमी के दिन दूर दराज के क्षेत्रों से बाबा के दर्शन के लिए कैथा गाँव पहुंचतें हैं और पूजा अर्चना करके यहाँ की मिट्टी अपने साथ अपने घर ले जातें हैं ….