स्कूल बैग या ऑक्सीजन सिलिंडर? क्या चाहते है आप ?
वो दिन निश्चित ही दूर नही जब हर व्यक्ति के साथ ऑक्सीजन का सिलेंडर दिखाई देने लगे . ‘’नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ‘’ [ NGT ] ने 1 अगस्त 2016 को ये कहा है की, हिमाचल विकास प्रधिकरण ने रोड प्रोजेक्ट के लिए जो पेड़ काटे हैं उसके बदले एक भी पौधे का रोपण नही किया.
भारत का आधा हिस्सा इस समय बाढ़ की समस्या से जूझ रहा है , शिमला सहित हर पहाड़ी जगहों का तापमान बढ़ता जा रहा है , तापमान बढनें का सिलसिला करीब करीब हर पहाड़ी एरिया में हो रहा है . पौधों से हरी भरी सड़कें जो ऑक्सीजन देतीं थी, वो रोड प्रोजेक्ट के अनेर्गत निरंतर काटी जा रहीं हैं .लोग ऑक्सीजन के आभाव में बीमार पड़ रहें हैं ,ये सब देखते हुए वो दिन दूर नही जब व्यक्ति को अपने पीठ पर सिलेंडर उठाना पड़ जाए .
NGT के चेयेर परसन स्वतंत्र कुमार ने कहा है की, अब भी वक़्त है लोग जागरूक हो जाएँ और अपने आने वाले भविष्य को शुद्ध पर्यावरण दे पायें, इसके लिए आज से ही कोशिश करनी होगी . पर्यावरण की जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नही जबकि शुद्ध पर्यावरण की आवश्यकता प्रत्येक व्यक्ति को है और प्रत्येक व्यक्ति इसके लिए जिम्मेदार है . स्टेट की बेंच का कहना है ‘’हम राष्ट्र स्तर पर इसमे लोगों की रूचि देखना चाहते हैं, कम से कम 1 लाख पौधें तुरंत लगाए जाने चाहिए ‘’.11 अगस्त को बेंच इसपर दोबारा सुनवाई करेगी.
चंडीगढ़ से आगे परवानू से शोधी तक लाखों पेड़ काटे गए हैं . NGT ने प्राधिकरण को एक शपथ पत्र [ एफिडेविट ] के साथ नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ़ इंडिया को विवरण देने को कहा है कि, कितने पेड़ काटे गयें हैं .वो स्टेट सरकार को रिपोर्ट करे .
पृथ्वी का वातावरण स्तरीय है ,पृथ्वी के नजदीक लगभग 50 किलोमीटर ऊंचाई पर ‘’स्ट्रेतो स्फियर ‘’है ,जिसमे ओजोन स्तर होता है , यह स्तर सूर्य प्रकाश की पराबैगनी [ UV ] किरणों को शोषित कर उसे पृथ्वी तक पहुचने से रोकता है . आज ओजोन स्तर का तेजी से विघटन हो रहा है .वातावरण में स्थित क्लोरो फ्लोरो कार्बन [ CFC ] गैस के कारण ओजोन स्तर का विघटन हो रहा है .