कैसे करें जल संवर्धन ; जाने महत्वपूर्ण तरीके
दुर्लभ वस्तु की सुलभ प्राप्ति और सुलभ वस्तु की दुर्लभ प्राप्ति ही वस्तु का मूल्य तय करती है . यह उक्ति जल पर बिलकुल सही बैठती है . आज हम इसे सुलभ समझ कर जिसतरह इसका दुरूपयोग कर रहें है , जब जल हमें इतनी सुलभता से प्राप्त नही होगा, तब शायद इसकी अहमियत का पता चलेगा. जल सवर्धन की योजना में सर्वप्रथम मध्य प्रदेश फिर उसके बाद कर्नाटक की अग्रिण भूमिका रही है .
जल के असंयमित और अनियंत्रित दोहन से जल धारण करने वाली परतों में प्राकृतिक रूप से जल भराव न होने के कारण गिरते भूजल स्तर पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से जल संवर्धन परियोजना का निर्माण किया गया ,परन्तु दो प्रदेशों के अलावा किसी अन्य प्रदेश ने इसको गंभीरता से नही लिया .
12 दिसंबर 2000 को इसतरह की परियोजना बनाई गई कि कम से कम मिट्टीकार्य से ज्यादा से ज्यादा जल सन्ग्रह हो सके. जल संवर्धन परियोजना में बारिश के जल को धरती के अन्दर सुरक्षित स्टोर करके रखा जाता है जिसे रेन हार्वेस्टिंग का नाम दिया गया . पानी पर कंट्रोल ,पानी का सदुपयोग ………
पानी को तरीके से इस्तेमाल करना ,पानी को प्रदूषित न करना ,पानी को बचा कर रखना ,ये सब कारक जल संवर्धन के अन्तर्गत ही आते है .गर्मी के मौसम में पानी की कमी को जल संवर्धन योजना के द्वारा जल की कमी की पूर्ति कर सकते हैं .राष्ट्र और राज्य स्तर पर ही नही बल्कि घरों में भी बारिश के पानी को स्टोर कर के रखना चाहिए, इसके लिए हर घर की छत से पाइपो द्वारा बेसमेंट में बनाए गये टैंकों को बारिश के पानी से भरना चाहिए .ताकि जरुरत पड़ने पर मोटर द्वारा संरक्षित पानी को ऊपर खींच सके .
राज्यों को चाहिए की वे स्कूल से पानी की उपयोगिता और उसके संरक्षण की जानकारी देना आरम्भ करें. आज स्थिति इतनी भयावह नही है लेकिन कल हो सकता है पानी की एक एक बूँद को भी तरस जाए . जिस तेजी से प्रदूषण और पेड़ पौधों को काटा जा रहा है, बारिश के मौसम में भी बारिश नही हो पा रही है क्योंकि पेड़ पौधों अपनी संख्यात्मक कमी की वज़ह से बादलों को आकर्षित नही कर पा रहे हैं .
ग्लोबल वॉर्मिंग की वज़ह से बारिश गर्मी सर्दी, इन सबका असंतुलन दिखाई दे रहा है. कहीं बाढ़, कहीं सूखा , सब लोग परेशान कोई अधिकता से कोई अल्पता से . जिसप्रकार की स्थिति दिखाई दे रही है उसको देखते हुए प्रत्येक घर में जल संवर्धन परियोजना को अनिवार्य रूप से लागू कर देना चाहिए, सरकार को भी जल संचय की जरुरत और कौशल को महत्व देना चाहिए और इसके लिए हर नागरिक को प्रेरित करना चाहिए .