जानिये क्यों विलुप्त हो रहीं हैं साऊथ अफ्रीका की सफ़ेद शार्क
सफ़ेद शार्क को महान सफ़ेद शार्क ,सफ़ेद पैन्थोर ,सफ़ेद मौत के नाम से भी जाना जाता है .सफ़ेद शार्क लगभग सभी समुन्द्रों में पाई जाती है .मादा सफ़ेद शार्क नर सफ़ेद शार्क से आकार और वज़न दोनों में बढ़ी होती है .एक वयस्क मादा सफ़ेद शार्क की लम्बाई लगभग 6.1 मीटर या 20 फुट के करीब होती है और वज़न लगभग 1950 किलोग्राम के करीब होता है .नर सफ़ेद शार्क की लम्बाई लगभग 13 से 16 फुट के करीब होती है .
2014 के शोध अध्धयन के अनुसार सफ़ेद शार्क की औसत आयु लगभग 70 वर्ष या इससे ज्यादा होती है .सफ़ेद शार्क की आयु किसी भी मतस्य परिवार की आयु से ज्यादा होती है .ताज़ा अध्धयन के अनुसार नर सफ़ेद शार्क 26 वर्ष की आयु में कामक्रीड़ा के लिए सक्षम होता है .जबकि मादा सफ़ेद शार्क 33 वर्ष की अवस्था में प्रजनन करने लायक होती है .सफ़ेद शार्क 1 घंटे में लगभग 56 किलोमीटर की दूरी तय करती है .
सफ़ेद शार्क ब्लू व्हेल से अलग होती है .सफ़ेद शार्क विश्व की सबसे लम्बी मछली के रूप में जानी जाती है .इसने समुंदरी मछलियों और पक्षियों से अलग अपनी पहचान बनाई है .मानव पर सबसे ज्यादा हमला करने वाले समुंदरी जीवों में सबसे ज्यादा रिकार्ड भी सफ़ेद शार्क के नाम पर ही है .
सफ़ेद शार्क पर आधारित नोवेल जॉव [ JAW ] जो पीटर बेन्सलें द्वारा लिखा गया था ,और इसपर स्टीवन स्पीलबर्ग ने सुपरहिट फिल्म का निर्माण किया ,स्टीवन स्पीलबर्ग ने लुप्तप्राय प्राणी डाएनासौर पर भी जुरासिक पार्क नाम से फिल्म बनाई थी ,उस फिल्म ने भी बहुत अच्छा व्यापार किया .
सफ़ेद शार्क को मानवभक्षी शार्क भी कहा जाता है .ऐसा भी माना जाता है की मानव समाज कभी भी सफ़ेद शार्क के लिए प्रार्थना नही करेगा ,सफ़ेद शार्क को मानव पर हमला करने के लिए सबसे ज्यादा नंबर दिए जा सकतें हैं
1950 में सम्पूर्ण केलिफोर्निया में 101 सफ़ेद शार्क हमले हुए .सोलाना बीच पर सनडिगो में 100 में से 17 हमले सफ़ेद शार्क द्वारा हुए .पिछले 6 सालों में सफ़ेद शार्क की संख्या में तेजी से कमी देखने को मिली है ,इसकी मुख्य वज़ह प्रदूषण ,शिकार और जाल में फसने के कारण है .
CNN के अनुसार कुल सफ़ेद शार्क की संख्या 353 से 522 के मध्य ही बची है .
साउथ अफ्रीका में इनकी संख्या में तेजी से कमी देखने को मिली है साउथ अफ्रीका के समुन्द्रों में 333 सफ़ेद शार्क ही प्रजनन के लायक हैं ,साउथ अफ्रीका में इनकी संख्या बहुत कम ही शेष रह गई है .15 जुलाई 2016 को करीम कार्ल अज़हर ने ट्विटर पर लिखा है की ‘’सफ़ेद शार्क कैपटाऊन छोड़ रहीं है ‘’
1978 से 2008 तक लगभग 1000 सफ़ेद शार्क मारी गई .सफ़ेद शार्क साउथ अफ्रीका के समुन्द्रों में रिकार्ड नंबर पर लुप्त होने की कगार पर हैं ,सिर्फ 353 ही सफ़ेद शार्क बची हुई हैं .सफ़ेद शार्क की तेजी से घटने की संख्या को शोधकर्ता पानी का प्रदूषण मुख्य कारण मानते है जिससे सारा विश्व पीड़ित है .