नकली सामान से भरा भारत का एफ एम सी जी मार्किट
जो प्रोडक्ट जितना ज्यादा लोकप्रिय होता है उसके उतने ही नकली होने की संम्भावना बढ़ जाती है . इस समय भारत की एफ एम सी जी मार्किट की टोटल कैपिटल लगभग 5 लाख करोड़ की है , जिसमे से लगभग 98000 से 99000 करोड़ की डुप्लीकेट सामान की है . पिछले 5 वर्षों में नकली सामान का बाज़ार बहुत तेजी से फैला है . भारत के छोटे शहरों ,कस्बों और गॉंवों में नकली सामान भरा पड़ा है . इन नकली सामान के कारण भारत की अर्थव्यस्था पर तो असर पड़ता ही है लेकिन उसके अलावा सीधा साधा ग्राहक भी नुकसान उठाता है .
दुकानदार भी नकली सामान को बढ़ावा देते हैं, क्योंकि उनका प्रॉफिट ऑफ़ मार्जिन बढ़ जाता है. छोटे शहरों और गॉंवों में इनकी रोक थाम करना भी बहुत मुश्किल है . सबसे ज्यादा भ्रामक विज्ञापन वाली चीजें ज्यादा नकली होती है जैसे फेयर एंड लवली , सबको पता है की इन क्रीमों का इस्तेमाल करके कोई भी गोरा नही हुआ, लेकिन फिर भी आज भी ये क्रीम भारत में सबसे ज्यादा बिकती है.
अभी हाल ही में टी.वी.पर एक समाचार दिखाया जा रहा था की, जो राशन गरीबों को सरकार द्वारा खोली गई दुकानों पर मिलता है, उसमे अनाज के कण से ज्यादा कंकर थे, क्या सरकार गरीबों को ऐसा राशन देती है या बिचौलिए मिलावट करके सरकार को बदनाम करते हैं . भारत में ये सब एक आम सी बात है, क्योंकि यहाँ पर मिलावट या नकली उत्पादों के विरोध में अभी तक कोई सख्त कानून नही बना, इसी बात का फायेदा ये लोग उठातें हैं, इन्हें इस बात से कुछ लेना देना नही की, इसका किसी की सेहत पर क्या असर होगा ? जैसे ही दिवाली का त्यौहार नजदीक आने लगता है, नकली मिठाईयां बनने लगती है हर हलवाई नोट छापने की तैयारी करने लगता है, और तो और कुछ ऐसे भी मिठाई बनाने वाले आ जाते हैं, जो सिर्फ दिवाली के समय ही अपनी दुकान सजातें है . दिवाली के समय फ़ूड इंस्पेक्टरों के छापे भी खूब पडतें हैं और बहुत से लोग मिलावट करते पकड़े भी जाते हैं, लेकिन सख्त कानून और सज़ा न मिलने के कारण वो जमानत पर छूट कर फिर लोगों के स्वास्थ्य से खेलने लगते हैं…..