एयर कंडीशनर; क्या गलत हो रहा है
ए .सी. में कौन रहना नही चाहता ? आजकल तो बड़े बड़े शहरों में कुत्ते पालें जाते हैं उनके लिए भी ए.सी.का इंतजाम किया जाता है . कार में ए.सी. घर में ए.सी. ऑफिस में ए.सी. ……..हर जगह ए.सी.
ए.सी. के आदत हो गई है . जरा सी भी गर्मी हो तो बर्दाशत भी नही होती …आजकल के जमाने में ए.सी.और मोबाइल ये बहुत अच्छे लगते है . पर ये जितना आरामदेह है , उतने ही इसके साइड इफ़ेक्ट भी हैं . हमारे शरीर के तापमान से ए.सी. का तापमान बहुत कम होता है ऐसे में जैसे ही ए.सी. से निकलकर बाहर के वातावरण के प्रभाव में आते हैं तो सर्द गर्म हो जाता है , जिसकी वज़ह से कभी जुखाम या बुखार हो जाता है . शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है . ए.सी. बाहर की वायु को शुद्ध करके कमरे में ठंडी हवा फैकता है , लेकिन जो गर्म हवा बाहर फैकता है , उससे बाहर का तापमान बढ़ जाता है , पहले जब ए.सी.का प्रचलन नही था तो इतनी गर्मी भी नही पढ़ती थी .. पर अब इसकी इतनी आदत हो गई है की , अब इसके बिना रहने की कल्पना भी की जा सकती .
साथ ही साथ ए.सी. के कारण बिजली का बिल भी बहुत आता है , एक आम आदमी के लिए ए.सी. खरीदना तो आसान है लेकिन उसका बिजली का बिल भरना बहुत मुश्किल है . आजकल ए.सी. वाले होटल का ,भोजनालय का टैक्स भी अलग है ,क्योंकि ये लग्जरी की श्रेणी में आ जाते हैं . ये भी सच है जो चीजें जितनी आरामदायक होती हैं उनके दुष्प्रभाव भी उतने ही होते हैं . पर आज के इस आधुनिक दौर में हम इसके आदी हो चुके हैं और अब इस भौतिक सुख सुविधा के बिना जीने की कल्पना भी नही कर सकते .