197 देश मिलकर करेंगे इस खतरे का मुकाबला….
Posted On November 21, 2024
0
708 Views
0 जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने की दिशा मे एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारत सहित करीब 197 देशों ने जलवायु पर असर डालने वाले HFC का इस्तेमाल कम करने के मुद्दों पर गहन चर्चाओं के बाद यहाँ इस बारे में कानूनी रूप से बाहर एक ऐतिहासिक समझौता किया है. यह समझौता कानूनी रूप से पूर्णतया बाह्यकारी है.
HFC यानि हाइड्रो फ्लोरो कार्बन ग्रीन हॉउस प्रभाव पैदा कर वायुमंडल का ताप बढ़ाने के मामले मे कार्बन डाई ऑक्साइड से हज़ार गुना ज्यादा खतरनाक है. दुनिया भर से जुटे वार्ताकारो एवं नीति नियंत्राओ ने यहाँ बैठकें की. इन वार्ताओं मे HFC के इस्तेमाल को कम करने के लिए मॉन्ट्रियाल संधि मे संशोधन के प्रस्ताव पर मतभेद दूर कर सम्बंधित किगाली संशोधन पर सहमति बनी .
मॉन्ट्रियाल प्रोटोकॉल मे संशोधन के लिए यहाँ 197 देशों ने नया समझौता किया . यह प्रोटोकॉल उन तत्वों से सम्बंधित है जिनके कारण ओजोन की परत कमजोर हो रही है. इसके कमजोर पड़ते रहने से सदी के अंत तक वैश्विक तापमान मे 0.5 डिग्री सेल्सियस तक की बृद्धि हो सकती है . समझौते मे इस पर रोक लगने की उम्मीद है.
देशो द्वारा मंजूर किये गए संशोधन के अनुसार विकसित देश HFC के इस्तेमाल को पहले कम करेंगे जिसके बाद चीन और कई दूसरे देश ऐसा करेंगे. इसके बाद भारत और दक्षिण एवं पश्चिम एशिया के दूसरे 9 देशों की बारी आएगी . कुल मिलाकर समझौते के तहत 2045 तक HFC के इस्तेमाल मे 85 प्रतिशत की कमी की जाने की उम्मीद है .
संशोधन 1 जनवरी 2019 से कार्यान्वित होगा, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि देशों का मॉन्ट्रियाल प्रोटोकॉल पक्ष मे रहे. क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण संगठनों की ओर से कम से कम 20 अनुमोदन या स्वीकृति मिले . यहाँ सम्मलेन के उच्चस्तरीय खंड मे हिस्सा लेनेवाले पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा ‘’ हमने अपने विकास , ओद्योगिक हित और साथ ही देश के हित की परवाह की .’’