हमारे विचार.एक शक्ति….
संसार में जीवरूप में उत्पन्न कोई भी पशु , जंतु ,पक्षी ,अथवा मानव एक असीमित रहस्य के साथ जीवन व्यतीत करता है , हरेक में अपार शक्ति होती है , लेकिन वो अपने लक्ष्य में कितना कामयाब होता है ये उसके मनोबल पर निर्भर करता है . सम्पूर्ण विश्व में हम सभी एक ही शक्ति , एक ही नियम से काम कर रहे हैं . इस शक्ति या नियम को आकर्षक के प्रयाय के रूप में जान सकते है . रहस्य आकर्षक का नियम है , हमारे जीवन में जो चीजें आ रही हैं , उन्हें हम अपने जीवन में आकर्षित क
र रहे हैं और वे उन तस्वीरों द्वारा हमारी तरफ आकर्षित हो रही हैं जो हमारे मष्तिस्क में हैं , यानि जो हम सोच रहे हैं , जो महसूस कर रहे हैं , जो हमारे चेतन –अवचेतन मष्तिस्क में चल रहा है , उसे हम अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं . ‘’हमारा हर विचार एक वास्तविक वस्तु –एक शक्ति है ‘’(प्रेन्टिस मलफोर्ड). आकर्षक की क्रिया अर्थात चुम्बक की तरह खिंचना या किसी वस्तु को अपनी तरफ खींचना ‘’आकर्षक का
नियम ‘’दुनिया का सबसे शक्तिशाली नियम है . आकर्षक के नियम का रहस्य बहुत ही प्राचीन है . ये रहस्य हिन्दू धर्म ,बौद्ध धर्म ,यहूदी ,ईसाई और इस्लाम में मौजूद है . इसका जिक्र बेबीलोन और मिश्र की प्राचीन सभ्यताओं के लेख , कहानियों में व्यक्त है .
1912 में चार्ल्स होनेल ने आकर्षक के नियम का वर्णन करते हुए कहा था ‘’यह सबसे महान और अचूक नियम है , जिसपर सृजन का समूचा तंत्र निर्भर है ‘’. आकर्षक का नियम हमारे विचारों की प्रतिक्रिया करता है चाहे वे जैसे भी हों . हर जीवित प्राणी ब्रह्मांड की सबसे शक्तिशाली चुम्बक है , और यह चुम्बकीय शक्ति हमारे विचारों से संप्रेषित होती है . जब हम कोई विचार सोचते हैं तो , हम उसी जैसे अन्य विचारों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं. जब किसी ऐसी चीज के बारे में सोचने लगते हैं जिससे हम खुश नही थे , उसके बारे में जितना सोचा वह उतना ही बुरा लगने लगा . इसके विपरीत जिससे हमे ख़ुशी मिली उसके विषय में बार बार ज्यादा सोचा , वह उतनी ही अच्छी लगने लगी . ऐसा इसलिए हुआ , क्योंकि जब लगातार एक ही विचार सोचते हैं , तो आकर्षक का नियम तत्काल उसी जैसे दुसरे विचार आपकी ओर लाने लगता है . चंद लम्हों में ही मष्तिस्क में इतने दुखद विचार भर जायेंगे की स्थिति पहले से ज्यादा बुरी दिखने लगेगी , ख़ुशी के पलों को सोचेंगे तो कुछ मिनटों में सुखद विचार हमारे मष्तिस्क में भर जायेंगे , आकर्षक का नियम यहाँ लागू हो गया . एक विचार जैसे दुसरे विचार को चुम्बकीय तरीके से आकर्षित करने लगा .
एक मानव का मष्तिष्क सबसे शक्तिशाली ट्रांसमिशन टावर है .चार्ल्स होनेल का कहना है ‘’मानसिक शक्तियों के कम्पन ब्रहमांड में सर्वश्रेष्ठ और सबसे शक्तिशाली होते हैं .’’अगर आप समृद्ध जीवन जीने की कल्पना करेंगे , तो आप इसे आकर्षित कर लेंगे . यह सिद्दांत हर इंसान के मामले में काम करता है . जब अपनी मनचाही चीजों के बारे में सोचते हैं , और पूरे इरादे के साथ उसपर ध्यान केन्द्रित करते हैं तब आकर्षक का ये नियम आपको आपकी मनचाही चीज देगा हर बार .एक रिसर्च से पता चला है की , एक साधारण मानव मष्तिस्क में हर दिन लगभग साठ हज़ार विचार आते हैं . विचारों पर विचार करेंगे तो थक जायेंगे , इसलिए आसान तरीका है ‘’भावनाएं ‘’ भावनाएं बेहद मह्हत्व्पूर्ण होती हैं , भावनाएं अविश्वसनीय उपहार हैं , ये हमे बता देती है की , हमे क्या करना चाहिए . अगर आप अच्छा महसूस कर रहे हैं तो , आप ऐसे भविष्य का निर्माण कर रहे हैं जो आपकी इच्छाओं के अनुरूप है . सकारात्मक सोच के परिणाम हमेशा सकारात्मक ही होते है . ‘’ओम शांति ओम ‘’फिल्म का प्रचलित एक डॉयलाग ‘’जब किसी चीज को पूरी शिद्दत से चाहो तो तमाम कायनात उसे हमसे मिलाने में जुट जाती है ‘’. यही है अनोखे अबूझ रहस्य की दुनिया.