गुजरात मे पाटीदार आन्दोलन के नेता हार्दिक पटेल के दो पूर्व सहयोगियों ने दावा किया है कि हार्दिक ने एक नेता के रूप मे उभरने के लिए और अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए आरक्षण आन्दोलन को हथियार के तौर इस्तेमाल किया साथ ही आन्दोलन शुरू होने के एक साल के अन्दर ही वह करोड़ो मे खेलने लगा.
हार्दिक के खासम ख़ास दो सहयोगी और दोस्त रहे चिराग पटेल और केतन पटेल हार्दिक के नाम लिखे खुले पत्र मे ये इलज़ाम लगाए हैं , माना जा रहा है ये पत्र पाटीदार आन्दोलन मे फूट पड़ने का प्रतीक है.दरअसल हार्दिक पटेल अभी राष्ट्रद्रोह के मामले मे अदालत से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर है और अदालत के आदेश के मुताबिक अभी 6 महीने और हार्दिक पटेल को गुजरात से बाहर रहना पड़ेगा .
चिराग और केतन ने पत्र मे आरोप लगाया है कि 23 वर्षीय हार्दिक , पटेलों के लिए आरक्षण आन्दोलन शुरू होने के एक साल के अन्दर ही करोड़पति हो गया .पाटीदार अनामत आन्दोलन समिति के इन दो सदस्यों ने इस पत्र को सार्वजानिक किया समिति के नेताओं ने आरोप लगाया ‘ नेता बनने की आपकी महत्वाकांक्षा , स्वार्थ ,और धनवान बनने की लालसा ने समुदाय के साथ ही हमारे आन्दोलन को भी नुकसान पहुँचाया है .
हमारे समुदाय के लोग ये अच्छी तरह से जानते है कि आन्दोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों की मदद करने के बजाय आप और आपके मित्र ऐश की जिंदगी जी रहें हैं . आपने और आपके रिश्तेदार विपुलभाई ने शहीदों की मदद के लिए जमा धन से महंगी गाड़ियाँ खरीद ली .’’चिराग और केतन ने दावा किया है कि सामान्य तौर पर जेल जाने के बाद लोगों के लिए अपनी रोजी रोटी कमाना मुश्किल हो जाता है ,लेकिन आपके [ हार्दिक ] साथ तो इसका बिलकुल उल्टा हुआ है क्योंकि जेल मे जाने के बाद आप पर धन की अथाह वर्षा हो रही है .
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