समाज को जोड़ती गौ रक्षा….
बनारस मे युवा मुस्लिम सडको पर घूमती घायल गायों के ज़ख्मों पर मरहम लगाते दिखाई दे रहे हैं . गौ सेवा के नाम पर अपनी दुकान चलाने वालों को ये युवा आईना दिखा रहे हैं . गायों की सेवा किसी मज़हब तक सीमित नही है इस सोच को साकार करने वाले इस्लामिक फाउन्डेशन से जुड़े युवक रातों को चोटिल गायों की तलाश मे निकलते हैं . उनके सर पर टोपी , हाथों मे फर्स्ट एड बॉक्स और टोर्च होती है .जहाँ कही उन्हें घायल गाय दिखती है , वे डॉ. की तरह पहले उनका घाव साफ़ करते हैं , मरहम लगातेहैं और फिर पट्टी बाँध कर किसी दूसरी घायल गाय की खोज मे निकल जातें हैं .
रुस्तम अंसारी की अगुवाई वाली मे हाफ़िज़ कलाम नूरी , जमाल अंसारी , खुर्शीद , फरीद अहमद और इन जैसे करीब दो दर्जन लोग है . इस टीम को टोपी टीम का नाम दिया गया है . पिछले 18 दिन मे ये टीम 100 से भी ज्यादा गायों का इलाज़ कर चुकी है . फाउन्डेशन के अध्यक्ष एस.एम्.खुर्शीद बताते है कि गायों के इलाज़ के दौरान कई बार गलत फहमी के शिकार लोग लड़ने पर आमादा हो जाते हैं या फिर मारने के लिए दौड़ा लेते हैं , लेकिन् जब उन्हें हकीकत पता चलती है तब उनका सर शर्म से झुक जाता है . अब तो हिन्दू लोग भी इनको जानने लगे है , और इस नेक काम मे इनका साथ दे रहे हैं .