वॉकिंग मीटिंग , जानिये कैसे बढ़ाती है वर्कर्स के स्वास्थ्य को
सोचिये बोलिए कहिये और चलिए, यही मूल मंत्र है वॉकिंग मीटिंग का, दिनभर में 5 से 6 घंटे औसतन एक कामकरने वाला कुर्सी पर गुजार देता है. इसी समय के बीच में से अगर आधा घंटा भी वॉकिंग मीटिंग में गुजारते हैं तो संभवतः 60/ लोग टाइप 2 मधुमेह, सर्वाइकल और ह्रदय सम्बन्धी रोग से बच सकते हैं. ताज़ी हवा और खिली हुई धूप के बीच मीटिंग करने से नये नये आईडिया लोगों के मष्तिष्क में आते हैं, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलता है. मिलजुल कर वज़न कम करने का प्रयास करते हैं, आपस में एक अच्छा रिश्ता बनता है, टीम पर पकड़ मजबूत बनती है, मीटिंग ज्यादा लम्बी और बोरिंग नही होती क्योंकि सब लोग चहल कदमी करते हुए बात करते हैं, एक दुसरे के सुझाव को अहमियत दी जाती है.खुले वातावरण में नये आईडिया आतें हैं , प्रकृति का आनंद लेते हुए बात चीत करते हुए दोस्ताना माहौल में मीटिंग होती है .
ब्रिटिश फ़िजिओलोजीकल सोसाइटी के अनुसार जितना समय सारे दिन में अपनी डेस्क पर बिताते हैं उसकी वज़ह से मांस पेशियों में दर्द, सर्वाइकल, और 64/ लोग मोटापे का शिकार हो जाते हैं, एक हफ्ते रोजाना 30 मिनट चलें तो वो लगभग 150 मिनट की हलके व्यायाम के बराबर है, वॉकिंग मीटिंग से ब्रैस्ट कैंसर के 6700 केसों का बचाव हो जाता है, लगभग 300000 लोग टाइप 2 मधुमेह से बच जाते हैं, 30 मिनट की वॉकिंग मीटिंग में अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं.
एप्पल के स्थापक स्टीव जॉब को वॉकिंग मीटिंग के लिए अच्छी तरह जाना जा सकता है. जैक डोरसी और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकर्बर्ग को भी वॉकिंग मीटिंग के लिए जाना जा सकता है .
वॉकिंग मीटिंग की कुछ रुचिकर जानकारी ;
- 5 से 6 लोग जब वॉकिंग मीटिंग कर रहे होते हैं तो ये मीटिंग आम मीटिंग से 60/ बेहतर परिणाम देती है.
- निलोफर मर्चेंट के अनुसार ‘’बैठना हमारी जेनरेशन के लिए सिगरेट पीना जैसा है ‘’.
- वॉकिंग मीटिंग आपको अपनी कुर्सी से उठाकर ताज़ी हवा और प्रायाप्त धूप देती है ,जिसकी हमे जरुरत है .
- 90 दिन की वॉकिंग मीटिंग लोगों में एनर्जी बढाती है, दृष्टीकोण बढाती है ,और फोकस मेंटेन करती है.
- वॉकिंग मीटिंग में प्राकृतिक तरीके से फोकस कर सकते हैं ,बात चीत की प्रक्रिया और भी बेहतर होती है.
- मूड और समझ ये वॉकिंग मीटिंग में बूस्ट होतें हैं.
- 30 मिनट की वॉकिंग रोजाना करने से आश्चर्यजनक रूप से डेमेंटिया, ब्रैस्ट कैंसर, कोलोन कैंसर और ह्रदय सम्बन्धी बीमारियों से सुरक्षित रखती है .