ऐसी अजीबो गरीब कहानियां आदिवासी या पिछड़े इलाकों से देखने मे आती हैं . क्योंकि ये परम्परा अपने आप मे ही अनूठी है . लेकिन ये भी सच है कि , इन अनूठी परम्पराओं के पीछे कोई ना कोई कारण जरुर होता है .
तंजानिया मे रहने वाली एक आदिवासी समूह की महिलायें आपस मे ही एक दुसरे से शादी कर लेती हैं . हलाकि ये महिलायें लेस्बियन भी नही होती या इनका आपस मे ऐसा कोई आकर्षण भी नही होता कि ये एक दुसरे के बिना नही रह सकती हो . मालूम करने पर पता चला कि , आपस मे शादी करने की वज़हें कुछ अलग ही है . जैसे की अपने घरों पर ये महिलायें अपना ही हक़ रखना चाहती हैं ताकि कोई और पुरुष वहां ना आ जाए . आपस मे शादी ये महिलायें पुरुष समाज के विरोध मे करती हैं .
एक महिला ने पूछने पर बताया कि हमें कोई छु नही सकता . अगर कोई मर्द हमारी जमीन जायदाद छिनने या हमें हमें किसी भी प्रकार का नुकसान पहुचाने की कोशिश करता है तो उसे सजा दी जायेगी . यहाँ सारी पावर हमारे पास है . असल मे महिलायें पुरुषवादी समाज के विरोध मे ऐसा करती है , महिलायें खुद को आत्मनिर्भर बनाने और संपत्ति का पूरा हक़ अपने पास रखना चाहती हैं .
शादी करने का मतलब ये बच्चा पैदा करने से नही समझती , इनका मानना है कि , शादी करके एक मित्र जो हमेशा साथ रहता है इन्हें मिल जाता है , इस तरह एक दुसरे के दुःख और सुख मे ये हमेशा साथ होती हैं .
A retired engineer, who likes reading and writing with a view to understand life, Aafreen has always admired humanity, for inventing the concepts of religion and marriages to bring happiness and peace to humanity. She likes reading about religions and to find common denominators.