कुरी मुरी राजन्ना को उनके आस पास के गाँव वाले अच्छी तरह से जानते है, लेकिन उन्हें लोग उनकी किसी विशेषता की वज़ह से नही बल्कि उनके द्वारा पाली गई भेड़ की वज़ह से जानते हैं . राजन्ना के घर अक्सर बच्चे मायलरी [ नर भेड़ ] के साथ खेलने मे व्यस्त रहते हैं . राजन्ना की पत्नी अनुसुइया बताती है कि मायलरी को आये पाँच साल हो चुके हैं , लेकिन फिर भी पडोसी और अन्य लोग इसे देखने के लिए रूक जाते हैं .
जब अनुसुइया मायलरी को दूध पीने के लिए देती है तो वो सर हिलाकर मना कर देता है . हँसते हुए अनुसुइया बताती है कि, इसे आधा गिलास बियर या विस्की पीने मे मज़ा आता है , जब उसके डैडी यानी राजन्ना अपनी दुकान पर जाने के लिए तैयार होते है तो वह भी उनके साथ जाने के लिए तैयार हो जाता है . पाँच साल पहले राजन्ना मायलरी को घर लाये थे तब से उसे तीसरे बच्चे की तरह पालते आ रहे हैं .
मायलरी के आने से राजन्ना और अनुसुइया की जिंदगी मे भी बदलाव आया है , उसकी वज़ह से अनुसुइया घर से ज्यादा दूर नही जा पाती , अनुसुइया के लिए मायलरी उनके बच्चों जितना ही प्यारा है , हमने उसे टॉयलेट जाने की भी ट्रेनिंग दी है. वह हमारे कमरे में ही सोता है और अगर उसे रात मे टॉयलेट जाना हो तो वह हमें उठाकर इसके बारे मे बताता है , अनुसुइया कहती है कि अगर उसे लगता है की मैं घर से बाहर जा रही हूँ तो वो चिल्लाने लगता है .
An experienced teacher, Ruby Agarwal, keeps an intense liking for Hindi Literature. She has completed her Masters in Hindi. She loves to write and her articles have been published in several leading dailies as well as magazines. Besides writing, she is also enthusiastic about doing social work and has been actively involved with many Human Rights Organizations. She does oil painting in her leisure time and looks forward to pursue her hobby.