मुस्लिम विहीन गाँव मे 80 साल से निकल रहा है ताजिया ….
Posted On November 23, 2024
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0 नरसिंह पुर जिले के सिमरिया गाँव मे जहाँ पिछले 80 सालों से रामायण के संस्कारों को जीवित रखते हुए रामलीला जारी है, तो वहीँ 5 पीढ़ीयों से शहादत का पर्व मुहर्रम भी बड़ी शिद्दत के साथ यहाँ मनाया जाता है . खास बात यह है कि, करीब 3500 की आबादी वाले इस गाँव में एक भी मुस्लिम परिवार नही है . गाँव के एक हिन्दू झारिया परिवार की 5 पीढीयों से यहाँ मुहर्रम का पर्व जीवंत है और अब 6 वीं पीढ़ी की शुरुआत हो रही है .
झारिया परिवार के डब्बल सिंह इस परम्परा के साक्षी हैं. अब मुहर्रम मे डब्बल सिंह को सवारी आती है और मुहर्रम में उनके घर संकटों से मुक्ति पाने वाले लोगों का हूज़ूम लगता है . गाँव में एक भी मुस्लिम परिवार ना होने के बावजूद सारा गाँव मुहर्रम मनाता है , तो वहीँ रामायण के संस्कारों को पीढ़ियों में गढने का सिलसिला वाकई गंगा जमुनी तहजीब का बढ़िया उदहारण है .
सिमरिया के ग्रामीण देशवासियों को एकजुटता का सन्देश दे रहे हैं . यहीं हिन्दू परिवार मुहर्रम के ताजिये को बनाते हैं और खुदा की बंदगी में अपना सर्वस्व देते हैं . 70 साल से ज्यादा के हो चुके चतुर्भुज और मुलायम बताते है कि उन्होंने जब से होश संभाला तब से वे इस गाँव की सामाजिक समरसता की परम्पराओं में रचे बसे हैं . वो बताते है कि उनके लिए ये बेहद गर्व की बात है की वे गोटे गाँव तहसील के इस सिमरिया गाँव में जन्मे हैं .