मिठास ने घोला आधी दिल्ली में जहर. जानिये क्यों ?
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसका असर शरीर पर धीरे धीरे होता है , लेकिन यदि डायबिटीज के साथ साथ उच्च रक्तचाप भी है तो ये एक साइलेंट किलर के रूप मे जाना जाता है .डायबिटीज एक जीवनशैली से सम्बंधित रोग है , पहले ये उच्चवर्ग के लोगों में पाया जाता था लेकिन अब डायबिटीज निम्नवर्ग के लोगों मे भी दिखाई देने लगा है. डायबिटीज होने के बहुत से कारण हो सकतें हैं . डायबिटीज वंशानुगत भी होता है . इसके होने मे एक वज़ह शारीरिक श्रम ना करना भी है . इन्सुलिन बनाने वाली ग्रंथि ‘’ पेनक्रियाज ‘’ जब कम काम करने लगती है या बिलकुल भी काम नही करती है तब डायबिटीज अथवा मधुमेह हो जाता है .
एसोचेम के एक सर्वे के मुताबिक अकेले दिल्ली मे 42.5 लोग डायबिटीज या मधुमेह से पीड़ित है .मुंबई मे यह आंकड़ा 38.5 प्रतिशत , अहमदाबाद मे 36 प्रतिशत , बेंगलुरु मे 26.5 प्रतिशत और चेन्नई मे 24.5 प्रतिशत लोग डायबिटीज के शिकार हैं .हैदराबाद मे और कोलकाता मे डायबिटिक से पीड़ित लोगों की तादाद लगभग 20 से 21 प्रतिशत के करीब है .सर्वे बताता है कि अब तेजी से गांवों मे भी लोग इसका शिकार हो रहें है. अगर यही रफ़्तार रही तो आशंका है कि 2035 तक दिल्ली मे कुल 12.5 करोड़ लोग डायबिटिक होंगे .
एशोचैम के सर्वे के अनुसार दिल्ली के लोग ज्यादा मात्रा मे घी ,तेल, मख्खन का सेवन करते हैं , जिसकी वज़ह से मोटापा और हाई ब्लडप्रेशर के मामले बढतें है, इसका नतीजा डायबिटीज के रूप मे सामने आता है . दिल्ली के पुरुषों मे 25 प्रतिशत डायबिटीज के मामलों मे बढ़ोत्तरी देखी गई है, वहीँ दिल्ली की महिलाओं मे 42 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखी गई है . इस स्टडी मे शामिल 55 प्रतिशत लोग 20 से 29 साल के थे, जबकि 26 प्रतिशत लोग 30 से 39 साल के थे ,16 प्रतिशत लोग 40 से 49 वर्ष के , 2 प्रतिशत लोग 50 से 59 वर्ष और करीब एक प्रतिशत लोग 60 से 69 वर्ष के थे .