भारत में पेट्रोल और डीजल के रोज़ घटते बढ़ते दाम : लोगों के लिए फायदेमंद या सरकार की कोई चाल?
16 जून 2017 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव के लिए एक नया नियम बनाया गया. इस नियम के तहत पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोज बदलाव किए जाने लगें. इससे पहले सरकारी कंपनियां क्रूड ऑयल की कीमतों और करंसी एक्सचेंज रेट पर हर महीने 1 और 16 तारीख को पेट्रोल और डीजल के रेट रिवाइज करती थी. हमारे देश में हर रोज बढ़ रहे पेट्रोल की कीमत अब आम आदमी के जेब पर भारी पड़ने लगी है. लेकिन इस विषय पर सरकार चुप्पी साधे बैठी है.
ताजा आंकड़ो के मुताबिक भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत दुनिया भर में सबसे ज्यादा है, अगर हम अपने पड़ोसी देशों की बात करें तो पेट्रोल की किमत पाकिस्तान में 42.14 रूपए/ लीटर, श्रीलंका में 53.47 रूपए/ लीटर, नेपाल में 61.24 रूपए/ लीटर, भूटान में 62.21 रूपए/ लीटर, मलेसिया में 32.19 रूपए/ लीटर और इंडोनेसिया में 40.58 रूपए/ लीटरहै. वहीँ भारत में पेट्रोल की कीमत 69.26 रूपए/ लीटर है.
इसी तरह डीजल की कीमत में भारत में बाकि के देशों से ज्यादा है. जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. अगर आंकड़ो की माने तो कच्चे तेल की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 2012-13 से आधी कीमत पर आ गई है.
टैक्स
अगर हम टैक्स की बात करें तो इस वक़्त हम पेट्रोल और डीजल पर 45 से 52 प्रतिशत तक टैक्स अदा कर रहे हैं. हैरानी की बात है कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा है. अगर पेट्रोल और डीजल को सरकार जीएसटी के दायरे में लाती है तो पेट्रोल डीजल के साथ साथ महंगाई भी कम हो जाएगी. जीएसटी में टैक्स का जो सबसे ऊँचा पायदान है वो 28% का है. अगर सरकार इन पर 28% टैक्स भी लगाती है तो ये मौजूदा टैक्स से कम होगा.
अन्तर्रष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद भारत में इनपर लगने वाले एक्साईज़ ड्यूटी की कीमतों में 9 बार बढ़ोतरी की गई है. मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले पेट्रोल पर एक्साईज़ ड्यूटी 9 रूपए 48 पैसे और डीजल पर 3 रुपए 56 पैसे लगाई जाती थी. लेकिन आज पेट्रोल पर 21 रुपए 48 पैसे और डीजल पर 17 रुपए 33 पैसे लगाए जाते है. अगर इन्हें प्रतिशत में आँका जाये तो ये बढ़ोतरी 200 से 400 प्रतिशत तक है. रिकार्ड्स के मुताबिक डीलर्स पेट्रोल को जितनी कीमतों में खरीदते हैं उपभोगता तक पहुँचते-पहुँचते उसकी कीमत दुगनी हो जाती है. पेट्रोल और डीजल के रोजाना हो रहे मुल्य परिवर्तन से हफ्ते में एक से डेढ़ रुपए की बढ़ोतरी हो रही है. जिससे बड़े व्यपारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.