भारतीय कम्पनियाँ आशावादी, लेकिन भरोसा घटा: सर्वेक्षण
भारत की निज कम्पनियां इस साल वृद्धि की संभावना के बारे में आशावादी बनी हुई हैं, लेकिन देश-विदेश के चुनौतीपूर्ण हालात की चिंता में उनके विश्वास पर असर पड़ा है। यह बात एक सर्वेक्षण में कही गई। भरोसा घटने से भारतीय कंपनियों की व्यावसायिक गतिविधियों की शुद्ध बढ़ती जून में घटकर 15 प्रतिशत रह गयी जो फरवरी में 16 प्रतिशत थी। यह इस सर्वेक्षण के इतिहास में सबसे कम और सभी चार ब्रिक देशों में न्यूनतम है।
मार्किट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा, ‘‘जून के दृष्टिकोण के आंकड़े से जाहिर होता है कि, भारत के निजी क्षेत्र की कंपनियों ने आगामी 12 महीनों में कारोबारी परिदृश्य आशावादी बना रखा है। हालांकि भरोसे का स्तर थोड़ा कम हुआ है, क्योंकि गतिविधियों, कंपनियों की आय और मुनाफे का रुझान नए न्यूनतम स्तर पर है।’’ मर्किट इंडिया बिजनेस आउटलुक सर्वेक्षण में कहा गया है, ”आर्थिक वृद्धि की मजबूती, मांग की कमी, प्रतिस्पर्धात्मक दबाव, ईंधन के मूल्य, ग्राहकों से भुगतान प्राप्ति में देरी, वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता और कर की ऊंची दर आदि से जुड़ी चिंताओं से कुल व्यावसायिक रुझान पर असर हुआ है।’’