बेटी या कुछ और…. जानिए क्या है हनीप्रीत और राम रहीम के रिश्ते का सच?
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ साया की तरह रहने वाली हनीप्रीत इंसां तब से ज्यादा चर्चे में है जब से राम रहीम को अपनी ही दो साध्वियों के साथ बलात्कार के आरोप में जेल भेजा गया. हनी उस वक़्त भी राम रहीम के साथ मौजूद थी जब उसे पंचकुला सीबीआइ कोर्ट में बुलाया गया था. इतना ही नहीं वो उस हैलीकॉप्टर में भी सवार थी जिसमें राम रहीम को बैठा कर पंचकुला से रोहतक जेल लाया गया था.
हनीप्रीत का नाम उस वक़्त से लोगों के सामने आया जब डेरा प्रमुख राम रहीम को जेल भेज दिया गया और उसके बाद डेरे की जिम्मेदारी लेने वाले शख्स को लेकर कयास लगाए जाने लगें. उस दौरान राम रहीम की मुंहबोली बेटी का नाम सबके सामने आया. हालाँकि अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि डेरा प्रमुख की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी लेकिन इस दौड़ में अब भी सबसे ऊपर हनीप्रीत का ही नाम है.
हनीप्रीत इंसां हरियाणा के फतेहाबाद से आती हैं. हनीप्रीत का असली नाम असली नाम प्रियंका तनेजा है. राम रहीम ने 14 फरवरी 1999 में प्रियंका तनेजा की शादी विश्वास गुप्ता के साथ कराई थी. हालांकि इन दोनों की शादी ज्यादा दिन तक नहीं चल सकी थी. कुछ साल बाद ही उसने राम रहीम से शिकायत की कि उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए परेशान करते हैं. इसके बाद राम रहीम ने साल 2009 में उसे गोद ले लिया.
वहीँ अगर विश्वास गुप्ता की मानें तो राम रहीम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध हैं. विश्वास गुप्ता ने साल 2011 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मुकदमा करके डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के कब्जे से अपनी पत्नी को मुक्त कराने की मांग भी की थी. हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक दहेज़ के मामले में विश्वास को बेल दिलाने वाले वकील एमएस जोशी ने बताया कि, विश्वास और हनीप्रीत को बैंककॉक और भारत के कई हिल स्टेशनों पर साथ ले जाया जाता था. लेकिन हनी ठहरती राम रहीम के कमरे में थी और विश्वास को दूसरे कमरे में ठहराया जाता था. मई 2011 में वह कोडाईकनाल के एक होटल में भी राम रहीम के साथ ठहरी थी. उसी साल जून में विश्वास ने दोनों को डेरा में आपत्तिजनक हालात में एक साथ देखा था.
एक ओर बलात्कार के आरोप में सजा काट रहे राम रहीम हनीप्रीत को अपनी मुंहबोली बेटी बोलता है तो दूसरी ओर राम रहीम पर हनीप्रीत के पति विश्वास द्वारा लगाए गए आरोप बाप और बेटी के रिश्ते को तार-तार कर देते हैं. गौरतलब है कि राम-रहीम तीन बच्चों का बायलॉजिकल पिता है, जिनमें दो बेटियां अमनप्रीत, चमनप्रीत और बेटा जसमीत इंसा शामिल हैं. ऐसे में अगर वो किसी को गोद भी लेता है तो उसके संपत्तियों पर पहला हक उसके बायलॉजिकल बच्चों का होता है. लेकिन डेरा की संपत्तियों पर हनीप्रीत का दबदबा साफतौर पर किसी दूसरी ओर इशारा कर रहा है. यह उन अधिकारों को दिखाता है जो राम रहीम ने हनीप्रीत को जेल जाने से पहले दिए थे.
इस हालात में एक सवाल जरुर उठता है कि, ये अधिकार हनीप्रीत को ही क्यों, उसके सगे बच्चों को क्यों नहीं, क्या ये रिश्ता बाप और बेटी का है या कुछ और?