बाबा रामदेव का देसी घी-कितना सच कितना झूठ ?
Posted On November 21, 2024
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3 बाबा रामदेव के भारतस्वाभिमान अभियान के राष्ट्रीय सचिव रहे राजीव दीक्षित के करीबी सहयोगी योगेन्द्र कुमार मिश्र ने बाबा रामदेव को एक कानूनी नोटिस भेजा है , इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता मिश्र का आरोप है कि पतंजलि के उत्पादों के बारे में बाबा रामदेव के दावे नितांत झूठें हैं .
मिश्र के अनुसार बाबा रामदेव झूठे विज्ञापन कर रहें हैं. बाबा रामदेव दावा कहते हैं कि, उन्होंने कर्णाटक और महाराष्ट्र में एक कड़ी स्थापित की है, जहाँ से उन्हें भारतीय गोवंश का दूध मिलता है और वे इससे प्रतिदिन एक लाख लीटर देशी घी बना रहें हैं .
उनका ये दावा इसलिए झूठा है क्योंकि भारतीय नस्ल की गोवंश की संख्या लगातार घट रही है, ऐसे में उन्हें प्रतिदिन एक लाख लीटर देशी घी बनाने के लिए दूध कहाँ से मिल रहा है ? वे निश्चित ही विदेशी गोवंश के दूध से घी बना रहें हैं . हम काफी समय से उनसे मांग कर रहे है कि, वे या तो इस बात को स्वीकार कर ले या फिर साबित करें कि, पतंजलि के घी में सिर्फ भारतीय गोवंश के दूध का इस्तेमाल हो रहा है . वो हमेशा इस सवाल से बचते रहें हैं. इसीलिए मैंने उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है .
बाबा रामदेव भारतीय गोवंश के दूध से घी बना रहें हैं इससे सम्बंधित एक विडियो पतंजलि द्वारा राष्ट्रीय – अन्तराष्ट्रीय स्तर पर दिखाया जाता है , यह विडियो आज भी इन्टरनेट पर देखा जा सकता है .इस विडियो में बाबा रामदेव कह रहे है कि ‘’ जो वे घी बनाते है उसमे ‘’स्वर्णगुण’’ हैं , ‘’स्वर्णगुण’’ सिर्फ भारतीय नस्ल के गोवंश में होता है , इसके अलावा पतंजलि के घी के डिब्बे पर भारतीय गोवंश की ही तस्वीर बनी है . और विदेशी गोवंश को तो बाबा रामदेव विषाक्त गोवंश कहते आये हैं . अब हम यही उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या वो स्वयं विषाक्त गोवंश के दूध से बना घी तो नही बेच रहें हैं .
भारत स्वाभिमान मे राजीव जी के रहते सिर्फ 2 साल में 110 करोड़ रूपये जमा हुए थे .आज न तो उन पैसों का कोई हिसाब है और न ही भारत स्वाभिमान पर अब कोई काम हो रहा है . हमने कई बार बाबा रामदेव से हिसाब माँगा तो उन्होंने कहा कि वो पैसा आंदोलनों में खर्च हो गया . न जाने वो किस आंदोलनों की बात कर रहें हैं . हम लोगों ने एकत्रित पैसा इसलिए दिया था कि गाँव – गाँव में गुरुकुल खुल सकें, लेकिन आज गाँव – गाँव में बाबा रामदेव की दुकाने खुल गई हैं . आज वो अपने व्यापार में मस्त हैं, अब तो काले धन का मुद्दा भी उन्होंने भुला दिया है .