वैसे तो दिल्ली मे पिछले कई साल से कम ही बारिश हुई है , यमुना मे पानी का स्तर जब भी बढ़ा है तो उसका कारण बारिश नही बल्कि हरियाणा द्वारा छोड़ा गया पानी ही रहा है . थोड़ी बहुत बारिश होती थी और बारिश का पानी धीरे – धीरे सड़कों पर से हट जाता था, लेकिन इस साल दिल्ली मे कुछ दिनों से जम कर हो रही बारिश ने पूरी दिल्ली को हाल बेहाल कर रखा है, अगर 1 घंटे भी जम कर बारिश हो जाए तो पूरी दिल्ली नदी का रूप ले लेती है, उस पर से ट्रेफिक जाम की समस्या अलग हो जाती हैं . दिल्ली की सड़कें गाड़ियों से भर जाती है .
आधुनिक शहर गुडगाँव मे पिछले दिनों जो जाम लगा था , जिसमे 9 से 12 घंटे के जाम मे बच्चों और महिलाओं की जान पर बन आई थी , ए. सी. चलते रहने के कारण लोगों की गाड़ियों का पेट्रोल जाम के दौरान ही ख़त्म हो गया था . कल वैसा ही जाम फिर देखने को मिला , जब भी इस तरह की कोई समस्या होती है तो प्रशासन एक दूसरे पर दोषारोपण करती है और बात ख़त्म हो जाती है , लेकिन यही समस्या बार – बार हो तो इसकी जवाबदेही तो बनती ही है .इस बार यू. एस. के विदेश मंत्री जॉन कैरी दिल्ली के जाम मे फंस गए और पानी के बीच जब वो IIT पहुंचे तो वहां खड़े विद्यार्थियों की संख्या को देख कर उन्होंने चुटकी लेते हुए पूछ लिया कि ‘’ क्या आप नाव से यहाँ तक पहुंचे हो ?’’
उनके इस तरह के मज़ाक को सोशल मीडिया पर शर्मिंदा कर देने वाली बात के रूप मे देखा गया . दिल्ली की इस स्थिति पर दुनिया के कई शहरों ने हैरानी व्यक्त की थी कि चंद घंटों की बारिश ने भारत की राजधानी का क्या हाल कर दिया कि स्लम और पोश दोनों इलाके एक जैसे लग रहे थे .लोगों ने ट्वीट किये कि राजनीतिक लड़ाई के बीच देश शर्मसार हो रहा है और जनता मुसीबतें झेल रही है .
अमेरीकी मीडिया मे भी यह खबर छा गई , वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा कि ‘’ केरी एक अहम् मीटिंग के लिए गये थे , लेकिन उनका भारत दौरा किसी और वज़ह से चर्चा मे है , दिल्ली मे घुटनों तक पानी भर गया है और इससे कैरी को काफी परेशानी हुई .’’ न्यूयार्क टाइम्स मे भी इसी तरह की खबर छाई रही , न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार ‘’ भारत की राजधानी बारिश मे लगभग डूब गई और कैरी को नाव वाली बात कहनी पड़ी ‘’.
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