दालचीनी. क्या है जो आप नहीं जानते ?
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दालचीनी का प्रयोग गरम मसाले मे होता है . दालचीनी एक प्रकार की पेड़ की छाल होती है . इसकी तासीर गर्म होती है . ज्यादातर इसे सर्दियों के मौसम मे इस्तेमाल करते हैं .जिन लोगों को नींद ना आने की समस्या हो वो लोग रात को सोते समय इसके एक इंच के टुकड़े को दूध मे उबाल कर दूध पिए या दालचीनी के पावडर को आधा चम्मच गर्म दूध के साथ लें , इससे अच्छी गहरी नींद आएगी क्योंकि दालचीनी मे एमिनो एसिड्स होतें हैं , ये एमिनो एसिड्स मष्तिष्क को शांत रखने मे मदद करतें हैं .अगर गले मे खराश हो तो दालचीनी के छोटे टुकड़े को दूध मे दाल कर उबालें फिर इस दूध मे एक चम्मच शहद मिलाकर पी ले , इससे गले की खराश मे राहत मिलेगी .
दालचीनी के एंटी बैक्टीरियल गुण त्वचा और बालों को संक्रमण से बचाए रखते हैं , इसके लगातार इस्तेमाल से त्वचा और बाल अच्छे दिखने लगते हैं .दालचीनी पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाए रखने मे मदद करती है साथ ही गैस की समस्या से निजात दिलाती है .दालचीनी वाले दूध मे शहद मिलाकर पीने से हड्डियाँ मजबूत होती हैं .दालचीनी मोटापा कम करने मे भी सहायता प्रदान करती है . यह ब्लड मे मौजूद शुगर को ऊतकों तक पहुचाने मे मदद करती है जो शरीर मे एनर्जी के तौर पर इस्तेमाल होती है .इससे शरीर मे शुगर कम होती है , और धीरे- धीरे शरीर मे चर्बी कम होने लगती है .दालचीनी का सेवन नि
यमित रूप मे करने से शरीर मे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है .
दालचीनी वाले दूध के हल्दी का सेवन भी किया जाए तो इसमे एंटी बैक्टीरियल गुण मे बढ़ोत्तरी हो जाती है जो इन्फेक्शन से लड़ने मे सहायक होती है . दालचीनी का नियमित उपयोग रक्तचाप को भी नियंत्रित रखता है . गाँवों मे अभी भी छोटे बच्चों को दूध मे थोड़ी मात्रा मे दालचीनी डालते हैं ताकि बच्चा दूध को डाइजेस्ट कर सके और उसकी प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो सके .