थायरॉइड की समस्या से है परेशान ? तो अपनाए यह घरेलू उपचार
आजकल के समय में देखा गया है कि थायरॉइड एक आम रोग होता जा रहा हैं. इसके होने का मुख्य कारण है हमारे शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ना, जिसके चलते यह एक रोग की शक्ल ले लेता हैं. यह रोग महिला और पुरूष दोनों में ही देखा जाता हैं. इसमें रोगी के शरीर में ऊर्जा कम बनती है और सुस्ती, थकान बढ़ने लगती हैं. इसके कई तरह के उपचार होते हैं उसी में से एक है थायरॉइड का घरेलु इलाज, लेकिन उससे पहले जान लें कि यह रोग क्या और कैसे होता हैं.
क्या होता है थायरॉइड और इसके कारण
सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि क्या होता है थायरॉइड का मतलब, यह एक तरह की ग्रंथि होती है जो गले में बिल्कुल सामने की ओर होती है और शरीर के मेटाबॉल्जिम को नियंत्रण करती है. आसान शब्दों में समझा जाए, जो भोजन हम खाते हैं यह थायरॉइड ग्रंथि उसे उर्जा में बदलने का काम करती है और इसका प्रभाव हमारे हृदय, मांसपेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल पर भी पड़ता हैं. थायरॉइड होने के बहुत से कारण हो सकते है जैसें थायरायडिस, सोया उत्पाद, दवाएं, आयोडीन की कमी, तनाव, परिवार का इतिहास आदि होते हैं.
थायरॉइड के लक्षण
कब्ज – थायरॉइड होने पर कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है. खाना पचाने में दिक्कत होती है और शरीर के वजन पर भी असर पड़ता है.
हाथ-पैर ठंडे रहना – थायरॉइड होने पर आदमी के हाथ पैर हमेशा ठंडे रहते है.
प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना – इम्यून सिस्टम कमजोर होने के चलते उसे कई बीमारियां लगी रहती हैं.
थकान – थायरॉइड के लक्षण में जल्द थकान होना भी शामिल है, इसमें शरीर सुस्त रहता है और ऊर्जा की कमी होने लगती है.
त्वचा का सूखना या ड्राई होना – इसमें त्वचा में रूखापन आ जाता है और त्वचा के ऊपरी हिस्से के सेल्स की क्षति होने लगती है जिसकी वजह से त्वचा रूखी-रूखी हो जाती है.
जुकाम होना – यह नार्मल जुकाम से अलग होता है और ठीक नहीं होता है.
बाल झड़ना – बाल झड़ने लगते हैं तथा गंजापन होने लगता है. साथ ही साथ उसके भौहों के बाल भी झड़ने लगते है.
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द – मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और साथ ही साथ कमजोरी का होना भी थायरॉइड की समस्या व लक्षण हो सकते है.
थायरॉइड में लिए जाने वाले आहार
आयोडीन – थायरॉइड के मरीज को आयोडीनयुक्त भोजन करना चाहिए. आयोडीन का उपयोग इसके दुष्प्रभाव को कम करता है.
साबुत अनाज – आटे की तुलना में साबुत अनाज में ज्यादा मात्रा में विटामिन, मिनरल, प्रोटीन और फाइबर होता है और इसे खाने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
दूध और दही – दूध और दही में पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं. दही खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है.
फल और सब्जियां – फल और सब्जिया एंटीऑक्सीडेंट्स का प्राथमिक स्रोत होती हैं जो कि शरीर को रोगों से लडने में सहायता प्रदान करती हैं. सब्जियों में पाया जाने वाला फाइबर पाचन क्रिया को मजबूत करता है जिससे खाना अच्छे से पचता है. हरी और पत्तेदार सब्जियां थायरायड ग्रंथि की क्रियाओं के लिए अच्छी होती हैं.
सोया – सोया मिल्क, टोफू या सोयाबीन में ऐसे रसायन पाए जाते हैं जो हार्मोन को सुचारू रूप से काम करने में मदद करते हैं. लेकिन इसके साथ साथ आपको आयोडीन की मात्रा को भी नियंत्रित रखना होगा.
थायरॉइड का घरेलू इलाज
वैंसे तो थायरॉइड की समस्या बहुत ही जटिल होती हैं लेकिन थायरॉइड का घरेलू इलाज लेकर हम इसे काफी हद तक नियंत्रण में ला सकते हैं. वह है प्याज जिसके गुणों के बारे में हम सब जानते हैं कि इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-इफ्लेमेटरी और कैंसर से लड़ने के गुण पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें विटामिन और मिनरल्स भी भरपूर मात्रा भी मिलती है जो हमारे शरीर को पोषण देते हैं और बीमारियों से बचाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्याज को गर्दन पर रगड़ने मात्र से ही आप थायरॉइड को कंट्रोल कर सकते है. आपने सुना होगा प्याज को मोजे में रखने से आपका शरीर डिटॉक्स होता है और आप बीमारियों से बचे रहते हैं. इसी तरह गर्दन पर थायरॉइड ग्लैंड के आस-पास इसे रगड़ने से थायरॉइड को कंट्रोल किया जा सकता है.
थायरॉइड के लिए प्याज का कैसे करें इस्तेमाल
- इस उपचार को करने के लिए आपको एक प्याज की जरूरत होती है.
- प्याज को लेकर, इसे दो हिस्सों में काट लें.
- फिर इसे थायरॉइड ग्लैंड के आस-पास क्लोक वाइज मसाज करें.
- मसाज करने के बाद गर्दन को धोएं नहीं, बल्कि रातभर के लिए ऐसे की छोड़ दें.
- प्याज का रस अपना काम करता रहेगा.
यह उपाय बेहद ही आसान और असरकारक है. कुछ दिन लगातार इस उपाय को करने से आपको नतीजे दिखने शुरू हो जाएंगें. इसलिए अपने थायरॉइड को कंट्रोल करने के लिए एक बार इस उपाय को जरूर आजमाए.