तिल….खूबसूरती का निशान या खतरे की घंटी ?
शरीर पर तिल तो सबके ही पाए जातें हैं , तिल होने का कारण रक्त में हारमोन का असंतुलन या किसी भी प्रकार के विटामिन आदि की कमी या अधिकता भी हो सकती है . लोग इसको सुन्दरता का प्रतीक भी मानते हैं . अगर शरीर पर ये इक्का दुक्का हो तो कोई बात नही लेकिन अगर इनकी संख्या मे तेजी से बढोत्तरी देखने को मिले तो सावधान हो जाना चाहिए . ज्यादा तिलों का होना या तेजी से इनका शरीर मे फैलना ये केंसर जैसी बीमारी के लक्षण भी हो सकतें हैं . रक्त केंसर या त्वचा केंसर की शुरुआत है तो इनके लक्षण शरीर मे किसी न किसी रूप मे दिखाई देने लगतें हैं.
ज्यादातर डॉ.का मानना है कि, भारत कि जलवायु ऐसी है कि, भारत वासियों मे त्वचा या रक्त केंसर बहुत कम दिखाई देता है जबकि यूरोपियन देशों मे जलवायु बहुत सर्द है, उनके शरीर पर तिलों की संख्या भी ज्यादा होती है वहां के लोगों मे रक्त और त्वचा केंसर यहाँ के मुकाबले ज्यादा संख्या मे होता है .
गंगाराम अस्पताल के डेर्मोलोजिस्ट डॉ. ऋषि पराशर ने कहा है कि यह शोध गोरे लोगों पर किया गया है. इस शोध का संबंध सीधा गोरे लोगों से ही है. इस शोध के अनुसार यदि किसी के दाहिने हाथ पर 9 से 10 तिल हैं तो इस आधार पर पूरे शरीर मे दस गुना ज्यादा तिल हैं , अगर एक व्यक्ति के पूरे शरीर मे 100 से ज्यादा तिल हैं तो, त्वचा केंसर का खतरा हो सकता है .
बी.एल.कपूर अस्पताल के डर्मोलोजिस्ट डॉ. नितिन वालिया का कहना है कि अगर तिल जेनेटिक हैं तो केंसर हो सकता है . आपको अपनी त्वचा पर हो रहे किसी भी तरह के बदलाव को हलके मे नही लेना चाहिए . असामान्य तिल एक तरह का संकेत है . अगर तिल के रंग , आकार , और रूप बदल रहा है तो डॉ. से जरुर सलाह लें .