ठण्ड के मौसम में इन कपड़ों का इस्तेमाल सावधानी से करें नहीं तो बढ़ सकती है मुश्किलें!
ठण्ड के मौसम में लोगों के साथ सबसे बड़ी परेशानी का सबब होती हैं विंटर वियर्स. हर रोज अलग-अलग जैकेट, स्वेटर पहनना और यह निर्णय करना कि आज ऑफिस क्या पहन कर जाऊं और कल क्या पहन कर जाऊं यह बहुत ही पेचीदा काम होता है. कुछ भी हो ठण्ड के मौसम में खुद को कवर कर के रखना बहुत ही जरुरी होता है. आमतौर पर लोग खुद को जैकेट टोपी मफलर और दस्तानों से ढक कर रखते हैं. कुछ लोग ठण्ड के मौसम में ओवरकोट और बूट पहनना पसंद करते हैं.
लेकिन जब इन कपड़ों की सफाई और केयरिंग की बात आती है तो बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो इसमें लापरवाही बरतते हैं. कई लोगों को तो यह भी याद नहीं होता है कि उन्होंने आखिरी बार अपना जैकेट कब धोया था. लेकिन शायद आप नहीं जानते हैं कि आपकी ये आदतें आपको बीमार कर सकती हैं. आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि सर्दी के मौसम में किस कपड़े को कितने दिनों में धो लेना चाहिए.
इस मामले में एरिजोना यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायलॉजिस्ट चार्ल्स गर्बा के मुताबिक अपने गर्म कपड़ों को हर सप्ताह में एक बार धो ही लेनी चाहिए. ख़ास कर उन कपड़ों को जो आप सार्वजनिक तौर पर पहनते या इस्तेमाल करते हैं. चार्ल्स कहते है कि आमतौर पर लोग अपने विंटर कोर्ट्स को जल्दी-जल्दी नहीं धोते हैं. कुछ लोग अपने विंटर वियर्स को सीजन ख़त्म होने के बाद ही धोते हैं. जिसके कारण उनके कपड़ों में नतीजन वायरस और बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और वो सर्दी और जुकाम के चपेट में आ जाते हैं. कमाल की बात ये है कि वो समझ भी नहीं पाते हैं कि वो इस बीमारी से क्यों जूझ रहे हैं. उन्हें लगता है कि वो ठंडे मौसम के कारण बीमार हैं.
सर्दी के मौसम में इन गर्म कपड़ों की सफाई का ख़ास ध्यान रखें
दस्ताने (ग्लव्स): एक बात तो आप भी समझते होंगे कि सर्दियों के मौसम में कामकाज के कारण आपके हाँथ ज्यादातर लोगों के संपर्क में आते हैं. इस कारण से हाथों में ज्यादा जर्म्स लगते हैं. परिणाम स्वरुप आपके ग्लव्स में भी ज्यादा जर्म्स होते हैं. चार्ल्स ने अपने 2015 के एक रिसर्च में पाया कि सार्वजनिक जगहों पर लोग अपने हांथों से ऐसी कई सारी चीजों को छूते हैं. जिससे वो जर्म्स के संपर्क में आ जाते हैं. वहीँ हर व्यक्ति एक घंटे में तकरीबन 16 बार अपने गालों और नाक को छूता है. जिसके कारण वो जर्म्स के संपर्क में आ जाता है.
ग्लव्स को धोने का तरीका: ग्लव्स के अंदर मौजूद सभी माइक्रोब्स को खत्म करने के लिए सप्ताह में एक बार अपने ग्लव्स को गर्मागर्म पानी में इसे डूबो कर कुछ देर के लिए रख दें. इसके बाद इसे अच्छी तरह से धोकर सुखा लें. ऐसा करने से ग्लव्स के अंदर मौजूद सभी जर्म्स खत्म हो जाएंगे. लेदर ग्लव्स को धोते वक़्त एक बात का ध्यान रखें कि ज्यादा गर्म पानी में ये खराब हो सकते हैं. इसीलिए अगर हो सके तो लेदर ग्लव्स को ज्यादा गर्म पानी में ना धोएं या फिर उसे ड्राई क्लीन करवा लें.
ध्यान रखें: अपनी जेब से कुछ सामान निकालते वक्त या सार्वजनिक वाहनों में सफर करते हुए या फिर रास्ते में लंबा सफर करते हुए ग्लव्स को निकाल दें. इससे आप बैक्टीरिया के संपर्क से दूर रहते हैं.
टोपी, स्कार्फ और मफलर: यूं तो कम सर्दी के मौसम में लोग इन चीजों का इस्तेमाल ना के बराबर करते हैं. लेकिन जब ज्यादा सर्दी लगने लगे तो ये चीजें जरुरी हो जाती है. चार्ल्स के मुताबिक ये टोपी, स्कार्फ और मफलर इम्यून सिस्टम को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती लेकिन आपको मुंहासों की दिक्क्त है तो टोपी आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है. वाशिंगटन, डीसी की एक अन्य रिसर्चर और डर्माटोलोजिस्ट टीना अल्स्टर का कहना है कि आपके टोपी में मौजूद बैक्टेरिया चेहरे को नुक्सान पहुंचा सकती है. वहीं मफलर और स्कार्फ को ठीक से क्लीन ना किया जाए तो आपको ब्रीदिंग प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.
टोपी, स्कार्फ और मफलर को धोने का तरीका: यदि आप टोपी या मफलर का प्रयोग करते हैं तो इसे सप्ताह में एक बार जरुर धो लें. ऐसी बहुत सी टोपियाँ होती है जो डेलिकेट होती हैें तो ऐसी टोपियों को हांथों से धोएं. कोशिश करें कि इसे धोने में डिटर्जेंट का प्रयोग ना करें. किसी अच्छे सोप या बार की मदद से इन्हें हल्के हांथों से धो लें.
ओवरकोट: वैसे तो विंटर कोट्स पर मौजूद जर्म्स और बैक्टीजरिया को लेकर बहुत रिसर्च नहीं हुई है लेकिन ओवरकोट पहनने के दौरान भी बहुत सावधानी रखने की आवश्यकता है. किसी भी कपड़े को सप्ताह में एक बार जरूर धोना चाहिए. फिर चाहे वो टाई ही क्यों ना हो. ओवरकोट अगर आप घर में नहीं धो सकते तो आपको ड्राईक्लीन जरूर करवाना चाहिए.
बूट्स: फुटवियर्स में बैक्टीरिया मिलना बहुत आमबात है और जब बात हो बूट्स की तो इन पर बैक्टीरिया पनपने का खतरा ज्यादा रहता है. अगर आप ऐसे शूज घर में लाते हैं जिनमें बैक्टीरिया हैं तो ये आपके घर को तो दूषित करते ही हैं साथ ही ये खाने में भी जा सकते हैं. ऐसे में फुटवियर्स के इस्तेमाल के दौरान इनकी साफ-सफाई पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है.
फुटवियर्स को क्लीन करने के लिए बूट्स के बॉटम को सबसे पहले एंटी सेपि्टक वाइप्स से साफ करें. घरभर में बूट्स पहनकर ना घूमे.