ज्यादा फ़ास्टफ़ूड खाने वाले हो जाएँ सावधान ……..
कोलाईटिस ,जैसा की नाम से परिलक्षित है की कोलोंन अर्थात बड़ी आंत से सम्बंधित बीमारी . इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या सबसे ज्यादा अमेरिका जैसी यूरोपियन देशों में देखने को मिलती है , क्योंकि वहां का खान पान ऐसा है कि, ज्यादातर लोगों में कोलाईटिस देखने को मिल जाता है .वहां पर कोलाईटिस को एक साधारण बीमारी की तरह लिया जाता है ,लेकिन भारत में यह बीमारी बहुत कम देखने को मिलती है क्योंकि भारत में भोजन को विशेष महत्त्व दिया जाता है ,लेकिन पाश्चात्य संस्कृति को अपनाने के कारण अब यहाँ भी कोलाईटिस के मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है .
यूरोपियन देशों में ज्यादातर मैदा या मैदे से बनी चीजों का उपयोग होता है, और डिब्बाबंद खाने का इस्तेमाल होता है ,वहां रेडी टू ईट खाने पर जोर दिया जाता है. और वहां का मुख्य लोकप्रिय भोजन पिज़्ज़ा या बर्गर है . इस तरह के खाने में फाइबर और पोष्टिक तत्वों का आभाव होता है ,जिसके कारण कोलाइटिस हो जाता है .
भारत में सब्जी दाल और रोटी सबसे लोकप्रिय भोजन है , इसमे फाइबर और पोष्टिक तत्वों का समावेश रहता है इसलिए भारत में कोलाइटिस के कम मरीज पाए जाते हैं .
कोलाइटिस से पीड़ित व्यक्ति को एनीमिया [ रक्त अल्पता ] ,सफ़ेद ब्लड सेल की संख्या में कमी ,कब्ज़ .और पेट में त्रीव दर्द होता है ,कोलाइटिस हो जाने के कारण कभी कभी मल त्याग करते समय रक्त आने की भी शिकायत हो सकती है . कोलाइटिस हो जाने पर शुरुआत की अवस्था में एंटी बौयटिक से काम चल जाता है लेकिन बड़ी हुई अवस्था में ओपरेशन करवाना जरुरी हो जाता है ,आजकल इसका इलाज़ डॉ. लेप्रोस्कोपिक पद्दति से करते हैं .
आजकल डॉ. चाहे कोई इससे पीड़ित हो या न हो ,सबको ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त भोजन करने की सलाह देते हैं . क्योंकि फाइबर हमारी आंतो से वेस्ट पदार्थों को खींच कर बाहर लाता है, जिससे कोलाइटिस के साथ साथ अन्य किसी तरह के संक्रमण की आशंका नही रहती ,
कोलाइटिस के लक्षण दिखाई देने पर इसको सुनिश्चित करने के लिए ब्लड टेस्ट या कोलोनोस्कोपी के द्वारा टेस्ट किया जाता है .कोलाइटिस होने पर आँतों में मल एकत्रित होकर संक्रमण पैदा करता है और कई बार आँतों में घाव भी हो जाते हैं ,घाव होने पर भयंकर पीड़ा होती है ,
कोलाइटिस से बचने के लिए फाइबर युक्त खाना खाना चाहिए , रोटी बनाते हुए चोकरयुक्त आटे का प्रयोग करना चाहिए , बच्चों को पिज़्ज़ा या बर्गर खाने से रोकना चाहिए और अगर उन्होंने खाना ही है तो आटे से बने हुए बन या बेस का प्रयोग करना चाहिए .