जानिए कैसी है भारत में स्व्च्छता की स्थिति
भारत में स्वच्छता की स्थिति बहुत ही शर्मनाक है , भारतियों की सबसे ख़राब आदत है की वो कहीं भी शौंच , लघुशंका और थूकने देते हैं ,शौंच के लिए जागरूक करने के लिए सरकार ने अभिनेत्री विद्या बालन को लिया , ताकि वो समझा सकें की ये हमारे देश की सबसे गन्दी आदतों में से एक है . लघुशंका के लिए भगवान् का सहारा लिया गया , जगह जगह दिवार पर भगवान् की फोटो वाली टाईल लगी हुई है ,ताकि लोग भगवान् के डर अथवा श्रध्दा भावना से वहां मूत्रत्याग न करें . लेकिन भारतीयों में गंदगी की आदत इतनी रची बसी है की इसे छोड़ ही नही पाते ….हर कोई कही भी थूक देता है . सरकार ने बहुत कोशिशें कर ली , बहुत टैक्स लगा लिए पर हम नही बदले …आज कोई भी भारतीय विदेश जाता है , तो वहां गंदगी नही फैलता , क्योंकि उसे पता है उस जो जुर्माना लगेगा वो डॉलर में होगा , दूसरी बात वहां इतनी सफाई रहती है की उसे गन्दा करने की उसकी इच्छा नही होती , इसके विपरीत भारत की सड़कों पर इतनी गंदगी रहती है की , ऐसा लगता है कुछ और गन्दा हो जायेगा तो कोई फर्क नही पड़ेगा . हम ऐसा क्यों नही सोचते की थोडा सा साफ हो जायेगा तो फर्क पड़ेगा .
आमिर खान ने भी ‘’अतिथि देवो भवा‘’ कैम्पेन के द्वारा भारतीयों को संदेश दिया की किस तरह हमे अपने देश को साफ रखना चाहिए ताकि विदेशी आकर्षित हो कर भारत आयें और पर्यटन को बढ़ावा मिले. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तो स्वयं झाड़ू उठाकर स्वच्छ भारत अभियान छेड़ा ,पर अनुकूल परिणाम देखने को नही मिले .
सारा कसूर भारतवासियों का भी नही है , यहाँ सार्वजानिक शौचालय की स्थिति काफी दयनीय है, पहले तो ये संख्या में बहुत कम हैं, हैं भी बहुत ख़राब हालत में, ऐसे में हर कोई सड़कों को गन्दा करना ही ठीक समझता है. एक मेट्रो ही है जो इतने मुसाफिरों का बोझ रोज उठाकर भी साफ दिखाई देती है और अपनी सफाई के लिये जानी जाती है, अब तो करीब करीब सारे मेट्रो स्टेशनों पर सुलभ शौचालय बना दिए है और ये बहुत साफ भी रहते है क्योंकि इनका रखरखाव प्राइवेट कंपनियों को दिया गया है. भारत के सरकारी अस्पताल भी बहुत गंदे थे लेकिन सरकार ने धीरे धीरे इनके रखरखाव को भी प्राइवेट कम्पनियों के सुपुर्द कर दिया, अब ये अस्पताल भी साफ दिखाई देते हैं.
भारत में स्वच्छता तब दिखाई देगी जब प्रत्येक भारतवासी स्वयं बिना किसी के कहे खुद अपने देश को साफ रखना चाहेगा .