चीन का भारत पर वायरस अटैक …
Posted On October 15, 2016
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चीन ने भारत पर वायरस हमला किया है ,यह खतरनाक वायरस पहले पूर्वोत्तर के राज्यों मे आया और उसके बाद पूरे देश मे फ़ैल गया . यह वायरस लोगों को टी.बी. का शिकार बना रहा है जिसपर दवाएं भी बेअसर साबित हो रही हैं . यह वायरस लोगों के फेफड़ों मे जाता है और तेज़ी से फैलने लगता है रोगी जब खांसता है तो उसके संपर्क मे आने वाला स्वस्थ्य व्यक्ति भी टी.बी. का मरीज बन जाता है .

सेंट्रल एशियन स्ट्रेन [ CAS ] जीनोटाईप के माइक्रोबैक्टीरियल जीवाणु टी.बी. होने का सबसे बड़ा कारण है , ईस्ट अफ्रीकन इंडियन [ EAI ] जीनोटाईप स्ट्रेन और बीजिंग स्ट्रेन से भी टी.बी.का रोग होता है . ये बातें दिल्ली एम्स के डॉक्टरों के शोध मे सामने आई हैं . बीजिंग स्ट्रेन का संक्रमण पूर्वोत्तर के राज्यों से होते हुए देश भर मे फ़ैल रहा है . यह स्ट्रेन दावा प्रतिरोधी [ ड्रग रेजिस्टेंस ] व मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस टी.बी. का सबसे बड़ा कारण है .MDR टी.बी. की ऐसी स्थिति होती है जब मरीजों पर दवाएं असर करना बंद कर देती हैं .

43.3 प्रतिशत मामलों मे दवाप्रतिरोधी टी.बी. का कारण बीजिंग स्ट्रेन पाया गया . इसे एम्स मे इस साल का सबसे बेहतरीन शोध चुना गया है . हाल ही मे इसके शोधकर्ता क्लिनिकल माइक्रोबायोलोजी और मौलिक्युलर डिविजन के प्रमुख डॉ. सरमन सिंह को एम्स की तरफ से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नडडा ने पुरस्कृत भी किया है .

डॉ.सरमन सिंह ने कहा इस शोध मे बीजिंग स्ट्रेन के बढ़ते खतरे का पता चला है , जहाँ ये पूर्वोत्तर में जड़ें जमा चुका है वहीँ दिल्ली ,पंजाब सहित उत्तर भारत मे भी इससे खतरा बढ़ रहा है व दवा प्रतिरोधक टी.बी. के मामले बढ़ने की आशंका है . डॉ. सरमन ने कहा है कि माइक्रोबैकटीरियल टी. बी. नामक जीवाणु के चलते टी. बी. की बीमारी होती है . इस जीवाणु के 75 – 80 जीनोटाइप होते हैं , इनकी जेनेटिक संरचना मे अंतर होता है , किस क्षेत्र मे किस जीनोटाइप के जीवाणु का प्रकोप अधिक है . यह पता लगाने के लिए देश के नौ भौगोलिक क्षेत्रों दिल्ली,आगरा , पंजाब ,मुंबई ,नागपुर ,हैदराबाद , चेन्नई कोलकाता वा असम से 628 मरीजों के सैम्पल से अलग किये गये जीवानुओ के स्ट्रेन [ जीनोटाईप ] का अध्यन किया गया , शोध के दौरान 35.4 प्रतिशत सैम्पल मे CAS 24.2 प्रतिशत मे EA स्ट्रेन व 17.2 मे बीजिंग स्ट्रेन पाए गये .


