क्या पूरा हो पायेगा राष्ट्रपति भवन में रहने का ख्वाब ?
Posted On August 19, 2016
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कभी भाजपा के शीर्ष नेता रहे लालकृष्ण अडवानी द्वारा देश मे आपातकाल की आशंका से एक बात तो साफ़ है कि , अडवानी जी का यह भरोसा भी टूट रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनको राष्ट्रपति बनायेंगे . इसलिए वह परोक्ष – अपरोक्ष रूप से मोदी व मोदी सरकार पर वार करने लगे हैं . उन्हें कही न कही यह भी लगता है कि उनकी करीबी सुषमा स्वराज को संकट मे डालने मे भी पार्टी के कुछ नेताओं का हाथ है जो उन्हे भी नही चाहते.
भाजपा के करीबी सूत्रों का कहना है कि अडवानी के दिल के किसी कोने मे प्रणव मुखर्जी के बाद देश का राष्ट्रपति बनने का ख्वाब था , उन्हें मालूम था कि बदलती परिस्थितियों मे वे देश के प्रधानमंत्री तो अब नही बन सकते पर राष्ट्रपति बनने का सपना उन्होंने पाल रखा था , उन्हें उम्मीद थी कि मुखर्जी के 2017 मे अपने पद को छोड़ने के बाद वो देश के राष्ट्रपति बन सकते हैं , पर जिस तरह से पार्टी उन्हें इग्नोर करने लगी है उसके बाद उनके सामने कोई विकल्प ही नही बचा कि वो चुप रहें, वो तो अब एक तरह से अपनी भड़ास निकाल रहें है .