क्या था खास इस शिक्षक में ?
Posted On December 3, 2024
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3 क्या कोई अपने काम के प्रति इतना समर्पित हो सकता है कि उसके तबादले पर सारा गाँव बिलख पड़े, लेकिन ये बिलकुल सच है कि, एक शिक्षक जिसने गाँव के हर बच्चे ,माता पिता और अन्य सहयोगी शिक्षकों को फूट –फूट कर रोने पर मजबूर कर दिया. आप सोच रहे होंगें कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि हर कोई सुबक उठा .
यू. पी. के देवरिया जिले के पिपराधान्नी गाँव के प्राथमिक विद्यालय मे अवनीश यादव ने 2009 मे सहायक शिक्षक का पदभार संभाला था. लेकिन जब 2016 मे उनका तबादला किसी अन्य गाँव के लिए हुआ, तो पूरा गाँव रो पड़ा. दरअसल ऐसे सच्चे शिक्षक करोड़ों मे एक होते हैं जो एक मिसाल बन जाते हैं वर्ना हर जगह शिक्षकों के जुल्म ही देखने को मिलतें है . अवनीश ने जब अपना कार्यभार संभाला तो स्कूल मे छात्रों की संख्या बहुत कम थी. उन्होंने घर – घर जा कर बच्चों और उनके माता पिता को प्रोत्साहित किया और शिक्षा के लाभों के बारे मे बताया .
इस तरह उन्होंने स्कूल मे छात्रों को पढाना शुरू किया . गरीब छात्रों को स्कूल की तरफ से पुस्तकें मुफ्त मे दी जाती है, लेकिन अवनीश ने उन छात्रों को अपने खर्च पर कॉपी और पेन्सिल मुहैय्या करायी , और बच्चों को मन से पढ़ाया. उन्होंने बच्चों की छोटी – छोटी गलतियों पर डांटने के बजाय उन्हें प्यार से समझाया . बच्चे भी उनके साथ हिल मिल गए थे.
आज जब उनकी विदाई का समय आया तो स्कूल का हर बच्चा फूट –फूट कर रो रहा था और साथ ही उनसे गुजारिश कर रहा था कि, मास्टर जी आप हमे छोड़ कर ना जाओ . बच्चे तो बच्चे उनके माता –पिता भी रोते –रोते कह रहे थे कि हमारे बच्चे आपके बिना अनाथ हो जायेंगें . मास्टर अवनीश भी खुद को रोक नही पाए और वो भी हर बच्चे से लिपट कर खूब रोये. ये सब देख कर उनके सहयोगी अध्यापकों की आँखें भी भर आई . सारे गांववासियों ने रोते रोते उनको भरे मन से विदा किया .
अवनीश से पूछने पर उन्होंने बताया कि मैंने तो सिर्फ अपना फ़र्ज़ पूरा किया है . मैंने अध्यापक की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा के साथ निभाई है और कुछ भी नही .अवनीश यादव का तबादला उनके पैतृक जिले गाजीपुर मे हुआ है . अब अवनीश गाजीपुर मे भी शिक्षा की ऐसी मशाल को आगे बढ़ा कर छात्रों मे शिक्षा के प्रति रूचि पैदा करेंगे .पिपराधान्नी गाँव के हालात सिर्फ एक अध्यापक के कारण बदल चुकें हैं . वहां के बच्चों का पढ़ाई के प्रति रुझान , साफ़ सफाई ,आस पास के वातावरण को शुद्ध रखना और नियमित रूप से स्कूल जाना , यह सब सिर्फ अवनीश यादव के कारण ही संभव हो सका . अवनीश को शिक्षा के लिए कई पुरस्कारों से सम्मनित किया जा चुका है .