क्या कसूर है हमारा ?
Posted On August 31, 2016
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पिछले दिनों हवाई हमले मे तबाह हो चुकी इमारत से निकालने के बाद जब उसे एम्बुलेंस के भीतर लाया गया तो उस मासूम का पूरा शरीर धूल और खून से लथपथ था . उमरान दक्नीश नाम का ये मासूम जिसका कसूर सिर्फ इतना ही था कि इसने सीरिया जैसे देश मे जन्म लिया .
यह तस्वीर ऐसे समय वायरल हो रही है जब आयलान कुर्दी की तस्वीर को सामने आये एक साल हो रहा है .ज्ञात हो कि आयलान अपने परिवार के साथ 2 सितम्बर 2015 को सीरिया से भागते हुए मेडीटेरियन सी मे डूब गया था . उसकी तस्वीर सामने आने के बाद पहली बार दुनिया रिफ्यूजी संकट को लेकर गंभीर दिखी .
सोचने वाली बात है कि, हर दिन दहशत और धमाकों को अपनी आँखों से देख रहे इन बच्चों को इनके माँ – पिता क्या कह कर समझाते होंगे . शिक्षा और पक्की छत से महरूम इन बच्चों की जिंदगी कैसी होगी , क्या ठहराव होगा इनकी जिंदगी मे . पता नही सीरिया के हालात सुधरेंगे भी या नही , या फिर ये बच्चे भी बड़े होकर हिंसा का एक हिस्सा बन कर रह जायेंगे .
एक अनुमान के मुताबिक सीरियाई गृह युद्ध के कारण 50 लाख लोग रिफ्यूजी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं .सीरियाई रिफ्यूजियों के करीब 10 लाख बच्चों को स्कूल और शिक्षा नसीब नही हो पाई है . तुर्की ने अपने यहाँ पिछले हफ्ते हुए हमलों से परेशान अब सीरियाई सीमा से सटे इलाको से आईएस के सफाए के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है . उसने 24 अगस्त को टैंक, वॉरप्लेन और काफी संख्या मे सैनिक सीमा पर भेजें हैं . अकेले रविवार को हुए हमलों मे लगभग 40 लोगों के मरने की संभावना है जिसमे ज्यादातर बेक़सूर सीरियाई नागरिक थे .