इंटरनेट के बिना आजकल कुछ भी मुमकिन नही है , हर व्यक्ति इंटरनेट का आदी हो चुका है ,ऐसे मे कुछ घंटे भी इंटरनेट के बिना बिताना किसी के लिए भी संभव नही है , इसी समस्या को देखते हुए प्रधान मंत्री ने हवाई जहाज में उड़ान के दौरान इंटर नेट की सुविधा देने का एलान किया था .
सरकार के इस फैसले को लेकर बड़ी विमान कम्पनियाँ तो उत्साहित है लेकिन इकोनोमी विमान कम्पनियां उलझन में हैं, क्योंकि सस्ती सेवाए मुहैया कराने वाली विमान कम्पनियां इसके खर्च का बोझ सहन करने मे असमर्थ महसूस कर रही हैं . इसीलिए छोटी कम्पनियों ने इसमे कोई रूचि जाहिर नही की है .
एयर क्राफ्ट मे वाई फाई सेवा प्रदान कराने के लिए तकनीकी नियमों का का हवाला देते हुए इंडिगो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस योजना की व्यवहारिकता पर सवाल उठाया है , इंडिगो के अधिकारी ने कहा ‘’ अगर आप मुझसे पूछेंगे तो मुझे नही लगता है दो से तीन घंटे की उड़ान के लिए इस तरह की सुविधा देने के लिए इतना व्यय करना बुद्धिमानी होगी .’’
स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने कहा ‘’ सस्ते एयर लाइन के माहौल में इस अतिरिक्त लागत का असर टिकट के दाम पर पड़ेगा , इस पहलू पर भी ध्यान देने की जरुरत है ‘’. सरकार ने बेहतर पहल की है लेकिन इस उद्योग के विचार से देखें तो हकीकत कुछ अलग ही नज़र आती है .
गोएयर के प्रवक्ता ने कहा कि ‘’ मूल्याकन के बाद ही एयरलाइन वाई फाई के बारे मे कुछ बताने में सहज होगी”.घरेलु एयरलाईन्स मे पूर्ण सेवा देने वाली विस्तारा और जेट एयरवेज ने विमान में मनोरंजन से जुडी सामग्री मुहैया कराने की वायरलेस सेवा की दिशा मे पहला कदम उठा लिया है . फ़रवरी के महीने में जेट ने घोषणा की थी की वह इस साल की दूसरी छमाही मे वह यात्रीगण के व्यक्तिगत उपकरण पर फिल्मों और टेली विजन की वायरलेस स्ट्रीमिंग की पेशकश करेगी . यह सेवा सभी बोईंग 737 में उपलब्ध होगी एयरलाइन ने कहा की वह नियमावली की मंजूरी मिलने के बाद उसे पूर्ण ब्रांडब्रेंड सेटेलाईट कनेकट्विटी मे बदलेगी .
विस्तार ने सरकार के इस फैसले को सकारात्मक प्रगति बताई है उन्होंने कहा है कि एक बार नीति सामने आने पर हम इस प्रक्रिया के बारे में बेहतर तरीके से साँझ सकेंगे .
बड़ी कम्पनियाँ इस प्रोजेक्ट मे उत्साह दिखा रहीं हैं वहीँ छोटी विमान कम्पनियाँ इसके चलते भयभीत दिखाई दे रही है क्योंकि उनके टिकट के रेट बहुत कम हैं और इस सेवा को देने के लिए ग्राहक और विमान कम्पनितों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा .
An experienced teacher, Ruby Agarwal, keeps an intense liking for Hindi Literature. She has completed her Masters in Hindi. She loves to write and her articles have been published in several leading dailies as well as magazines. Besides writing, she is also enthusiastic about doing social work and has been actively involved with many Human Rights Organizations. She does oil painting in her leisure time and looks forward to pursue her hobby.