क्या आप जानते हैं ट्विटर ना जाने के लिए गूगल ने सुंदर पिचाई को कितने पैसे दिए थे?
IIT खड़कपुर से पढ़े सुंदर पिचाई के बारे में आज पूरा देश जानता है. भारतीय मूल के पिचाई आज दुनिया कीसबसे बड़ी सर्च इंजन गूगल के सीइओ हैं. लेकिन पिचाई के बारे में कुछ ऐसी बातें है जो शायद ही लोग जानते होंगे. 12 जुलाई 1972 में तमिलनाडु में जन्मे पिचाई आज 45 साल के हैं लेकिन उनकी कार्यक्षमता और उर्जा आज भी 20 साल पहले जैसी है.पिचाई का असली नाम पिचाई सुंदराजन है, लेकिन उन्हें सुंदर पिचाई के नाम से जाना जाता है.
आमतौर पर सुंदर की पढ़ाई और उनकी सफलता को देखते हुए लोग यह अनुमान लगते होंगे कि उन्हें बचपन से ही टेक्नोलॉजी से बेहद लगाओ रहा होगा लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. पिचाई भले ही बचपन से ही पढ़ाई के मामले में एक प्रतिभाशाली विध्यार्थी रहें हों लेकिन उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी की वो बड़े होकर टेक्नोलॉजी संबंधी काम करेंगे. वो अपने स्कूल की क्रिकेट टीम के कप्तान थे.
सुंदर पिचाई के रिश्तेदारों के मुताबिक उनकी याददाश्त बहुत अच्छी है. उनके रिश्तेदार कहते हैं कि जब तमिलनाडु स्थित उनके घर में 1984 में पहली बार टेलीफोन लगा था, तब सभी रिश्तेदार किसी का नंबर भूल जाने पर सुंदर से पुछा करते थे. उन्हें आज भी छोटी से छोटी चीजें भी याद रह जाती हैं. वैसे तो सुंदर एक ऐसे परिवार से आते हैं जो आर्थिक रूप से समृद्ध था. लेकिन कुछ लोग ये भी कहते हैं कि जब पिचाई पढ़ाई के लिए अमेरिका गए थें तो उनकी पत्नी अंजलि इंडिया में ही रह रही थीं. उनके पास इतने पैसे नहीं होते थे कि वो इंडिया कॉल करके अंजलि से बात कर सकें. कई बार ऐसा होता था कि वे छह महीने तक बात नहीं कर पाते थे.
पिचाई ने 2004 में गूगल बतौर प्रोडक्ट और इनोवेशन अफसर ज्वाइन किया था. पिचाई को अमेरिकी मीडिया लैरी पेज का राइट हैंड(गूगल संस्थापक) मानती है. क्योंकि पिचाई लगभग हर मीटिंग में उनके साथ जाते हैं. पिचाई को कम बोलना पसंद है. वे उतना ही बोलते हैं, जितना जरूरी है. सुंदर को जानी-मानी सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने 2011 में नौकरी का प्रस्ताव दिया था. उस वक्त पिचाई ट्विटर का हाथ थामने के लिए तैयार भी हो गए थे. लेकिन गूगल ने उन्हें नौकरी ना छोड़ने के 305 करोड़ रूपए दिए. क्योकिं गूगल किसी भी हालत में पिचाई को खोना नहीं चाहती थी. पिचाई बताते हैं कि उनकी पत्नी अंजलि ने भी उन्हें गूगल ना छोड़ने की सलाह दी थी.