कैसे हो सामने वाला आपके व्यक्तित्व से प्रभावित
आपने वह अंग्रेजी कहावत तो सुनी ही होगी कि फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन। अर्थात् जब कोई हमें पहली बार मिलता है तो, हमारी पर्सनैलिटी को देखकर वह हमारे बारे में अपनी राय कायम कर लेता है। ऐसे में सामने वाले व्यक्ति पर हमारी अच्छी छाप पड़े और वह हमारे बारे में अच्छी राय कायम करे, इसके लिए आवश्यक है कि, हमारी पर्सनैलिटी बेहद स्ट्रांग व आकर्षक हो। कुछ लोग तो नेचुरल रूप से स्ट्रांग पर्सनैलिटी के स्वामी होते हैं, लेकिन यदि आपको कुदरत ने आकर्षक व्यक्तित्व नहीं दिया है तो भी, आप कुछ टिप्स अपनाकर अपने व्यक्तित्व को निखार सकते हैं। वास्तव में, खुद को प्रेजेंट करना भी एक कला है, और इस कला को कोई भी सीख सकता है। बस जरूरत है तो, थोड़े से प्रयास की−
समझें सही अर्थ
आमतौर पर लोग समझते हैं कि,सिर्फ किसी कॉलेज, स्कूल, ऑफिस या सेमिनार में प्रेजेंटेशन के लिए ही प्रेजेंटेशन स्किल की आवश्यकता होती है। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है, जब भी हम किसी से मिलते हैं या कहीं जाते हैं तो, वहां पर इस कौशल की आवश्यकता होती है। खुद को हमेशा इस प्रकार कैरी करना चाहिए ताकि देखने वाले पर हम अमिट छाप छोड़ सकें।
प्रेजेंट पावरफुली
अपने प्रेजेंटेशन स्किल को निखारने में आपके बातचीत के अंदाज से लेकर कपड़े पहनना, यहां तक कि फेस एक्सप्रेश भी काफी अहम है। जहाँ तक आपके बात करने के तरीके का सवाल है तो,यह बात हमेशा ध्यान रखें कि आपके बातचीत करने के तरीके में विनम्रता और मधुरता अवश्य हो। विनम्र तरीके से कही गई बात न सिर्फ लोगों की समझ में जल्दी आ जाती है, बल्कि लोग आपकी बात भी आसानी से मान भी लेते हैं। इसके अतिरिक्त आपकी बॉडी लैंग्वेज भी काफी स्ट्रांग होनी चाहिए। इसके लिए जब भी आप सामने वाले व्यक्ति से रूबरू हों तो, हमेशा आई कान्टेक्ट बनाकर ही बातचीत करें। इससे बात का प्रभाव अधिक होता है। साथ ही आप अपने हाव−भाव व बातचीत में भी सही तरीके से तालमेल बिठाएं। कभी भी ऐसा नहीं होना चाहिए कि, आप कुछ कह रहे हैं और आपका चेहरा कुछ और ही बयां करें।
बनें अच्छे श्रोता
हमेशा याद रखें कि प्रेजेंटेशन स्किल उन्हीं की बेहतर होती है, जिनके पास ज्ञान का अथाह सागर हो। इसके लिए आपका एक अच्छा वक्ता होने के साथ−साथ बेहतर श्रोता होना भी बेहद आवश्यक है। जब हम दूसरों की बात सुनते हैं तो हमें अनजाने ही बहुत सारी जानकारी प्राप्त हो जाती है। साथ ही जब तक सामने वाला व्यक्ति अपनी बात खत्म कर न ले, तब तक उसकी बात न काटें। इससे एक नेगेटिव इंपेक्ट पड़ता है। इसके अतिरिक्त आपको यह बात भी समझनी होगी कि,जो लोग सिर्फ अपनी बात ही कहते जाते हैं, उनकी बात सुनना कोई भी पसंद नहीं करता और न ही उनकी बात को कोई महत्व देता है ।
रहे कॉन्फिडेंट
आप चाहे किसी पार्टी में हों या किसी सेमिनार में। आपके भीतर हमेशा एक आत्मविश्वास होना चाहिए। जब हम कोई बात आत्मविश्वास के साथ कहते हैं तो,उसका प्रभाव अधिक पड़ता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति चाहे सही भी कहे, लेकिन यदि उसके अंदर आत्मविश्वास नहीं है तो उसकी बात को लोग तवज्जो नहीं देते। अक्सर ऐसा होता है कि, किसी मीटिंग या सेमिनार के दौरान बहुत सारे लोगों को देखकर अक्सर व्यक्ति नर्वस हो जाता है और उसका कॉन्फिडेंस डगमगा जाता है। इस स्थिति से निपटने का एक सबसे अच्छा तरीका है, प्रैक्टिस। आपने वह दोहा तो सुना ही होगा− करत−करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान, रस्सी आवत जात ते सिल पर परत निसान। अर्थात बार−बार अभ्यास करने से एक मामूली रस्सी से भी पत्थर पर निशान पड़ जाते हैं.तो अगर आप बार−बार अभ्यास करेंगे तो लोगों की भीड़ से भी आपका आत्मविश्वास नहीं डगमगाएगा।
अपनाएं अच्छी आदतें
जब आप अपने जीवन में अच्छी आदतों को शामिल करेंगे तो, आपकी पर्सनैलिटी स्वतः ही इफेक्टिव बन जाएगी। उदाहरण के तौर पर, जब भी आप कहीं जाएं तो कोशिश करें कि आप समय से ही पहुंचे. इसके अतिरिक्त किसी से बात करते समय कभी नाखूनों को चबाना या बालों को रोल नहीं करना चाहिए। साथ ही ऑफिस में आपकी डेस्क हमेशा साफ−सुथरी व सारा सामान सही जगह पर रखा होना चाहिए। यह कुछ ऐसी आदतें हैं जो आपकी तरक्की के रास्ते को सुगम बनाती हैं।