केरल के पद्मनाभ मंदिर के बारे मे आप सब ने सुना ही होगा , कुछ साल पहले यह मंदिर चर्चा का विषय बना हुआ था, जब पता लगा था कि, यहाँ एक लाख करोड़ से अधिक का खजाना मिला है . यह भारत का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है . कहा तो यह भी जाता है कि इससे भी ज्यादा का खज़ाना यहाँ के तहखानों मे बंद है .
अभी यह मंदिर एक बार फिर से चर्चा में है, जब से ये पता लगा है कि 186 करोड़ का सोना यहाँ से चोरी हो चुका है .कहा जाता है कि, 10वीं शताब्दी मे इस मंदिर का निर्माण कराया गया था . हालाकि कही कही इस मंदिर मे 16 वीं शताब्दी का जिक्र भी है . लेकिन ये काफी स्पष्ट है कि 1750 में त्रावणकोर के एक योद्धा मार्तंड वर्मा ने आस पास के इलाकों को जीत कर सम्पदा बढाई थी . मंदिर मे भगवान विष्णु की एक मूर्ती मिली है, जो शालिग्राम पत्थर से बनी हुई है .
माना जाता है कि, मार्तंड वर्मा ने पुर्तगाली समुद्री बेड़े और उसके खजाने पर भी कब्ज़ा कर लिया था. यूरोपीय लोग मसालों खासकर काली मिर्च के लिए भारत आते थे . त्रावणकोर ने इस व्यवसाय पर पूरी तरह कब्ज़ा कर लिया था , मसालों के व्यापार से राज्य को काफी फायदा होता था और इस संपत्ति को मंदिर मे रख दिया जाता था . यह मंदिर एक ऐसे इलाके मे बना हुआ था जहाँ कभी कोई विदेशी हमला नही हुआ .1790 मे टीपू सुलतान ने मंदिर पर कब्ज़े की कोशिश की थी, लेकिन कोच्चि मे उसे हार का सामना करना पड़ा था .
टीपू सुलतान से पहले भी इस मंदिर पर हमले और कब्ज़े की कोशिश की गई थी, लेकिन ये कोशिशें कभी कामयाब नही हो सकी . मंदिर के खजाने और वैभव की कहानियां दूर दूर तक फैली हुई थी और आक्रमणकारी इस पर कब्ज़ा करना चाहते थे , लेकिन इसके खजाने तक कोई भी पहुँच नही सका . अभी भी यह मंदिर और इसका खज़ाना लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है .
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