करोड़पति महिला, फिर क्यों बेचती है सड़क पर खाने का सामान ?
एक ऐसी महिला जो करोड़ों के घर मे रहती है , उसके पास उसकी अपनी SUV है, पूरा परिवार है लेकिन फिर भी रोड साइड ठेले पर पीपल के पेड़ के नीचे सेक्टर 14 गुडगाँव मे लोग उसके छोले कुलचे खाने दूर- दूर से आतें है . छोले कुलचे बेचते हुए अभी उसे दो महीने भी नही हुये है . लेकिन उसके छोले कुलचे का स्वाद लोगों की जुबान पर चढ़ चुका है .इस तरह छोले कुलचे बेचने के बारे मे पूछने पर वो कहती है ‘’ मै नही चाहती कि भविष्य मे मेरे परिवार को किसी भी परेशानी का सामना करना पड़े .
34 वर्ष की उर्वशी गुप्ता ने नर्सरी टीचर की नौकरी छोड़ कर इस व्यवसाय को अपनी इच्छा से अपनाया . उर्वशी के पति यूनिटेक मे काम करते थे लेकिन घर मे ही फिसल जाने के कारण डॉ. ने उन्हें कुल्हा बदलवाने की सलाह दी . उर्वशी के ससुर भारतीय वायु सेना के रिटायर्ड विंग कमांडर हैं. उर्वशी के दो बच्चें हैं जो पब्लिक स्कूल मे पढतें हैं . उर्वशी स्वयं नर्सरी टीचर की जॉब करती थी, लेकिन उर्वशी को लगा कि वो टीचर की जॉब मे अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित नही कर पाएंगी इसलिए उन्होंने टीचर की जॉब छोड़ कर छोले कुलचे का ठेला लगाना शुरू किया . उर्वशी को खाना पकाना पसंद था इसलिए उन्होंने अपनी पसंद को ही अपना व्यवसाय बना लिया. उर्वशी के ससुर ने यही काम करने के लिए दुकान खोलने और सहायता की ऑफ़र की, लेकिन उर्वशी ने किसी की ही सहायता लेने से इनकार कर दिया .
उर्वशी का खाने का काम बहुत अच्छा चल रहा है, उसके ग्राहकों की संख्या दिन प्रत दिन बढ़ती ही जा रही है . उर्वशी प्रति दिन 2500 से 3000 तक कमा लेती हैं . अभी उर्वशी का सपना विदेशों की तर्ज़ पर चल रहे एक फ़ूड ट्रक डालने का है, उसके बाद उर्वशी अपना एक रेस्ट्रोरेन्ट खोलना चाहती हैं, साथ ही साथ उर्वशी अपने जैसी अवस्था से गुजर रही महिलाओं की यथासंभव मदद भी करना चाहती हैं. उर्वशी सुबह 8.30 से शाम 4.30 तक काम करती हैं, उर्वशी कहती है कि मै अपने काम और उससे होने वाली आमदनी से बहुत खुश हूँ . वो फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोलती हैं .
पर सच तो ये भी है कि बिना संघर्ष सफलता नही मिलती, इसतरह का काम करने से पहले घरवालों ने बहुत समझाया कि ये काम उनके स्टेटस से मैच नही करता .जो हमेशा ए.सी.मे रहता हो उसके लिए सड़क पर पेड़ के नीचे छोले कुलचे बेचना बहुत कठिन है, पर अपनी पहचान बनाना भी आसान नही होता. उर्वशी के पास अपनी महिंद्रा स्कार्पियो और हुँदै कार है. उर्वशी को काम करते हुए अभी 50 दिन ही हुए है लेकिन उन्हें बहुत अच्छा रिस्पोंस मिल रहा है. उर्वशी कहतीं है कि वो शॉप लेकर भी काम कर सकती थी लेकिन वो रोड साइड ग्राहक के साथ डील का अनुभव लेना चाहती थी.