अगर करनी है जल्दी शादी तो निभानी पड़ेगी अनोखी परंपरा..
Posted On September 15, 2016
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अनंत चौदस यानि कि गणेश प्रतिमा के विसर्जन का दिन . पहले ये त्यौहार महाराष्ट्र में मनाया जाता था, लेकिन अब यह सम्पूर्ण भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. लोग बड़ी ही श्रद्धा के साथ गणपति को अपने घर में बिठाते हैं और अनंत चौदस वाले दिन इनका विसर्जन करते हैं. जब तक गणेश जी घर में अतिथि की तरह रहते है, और श्रद्धालु इन दिनों मांस ,मदिरा आदि का सेवन नही करते हैं, और रोज सात्विक भोजन बनाकर सुबह शाम उनका भोग लगाकर प्रसाद वितरण करते हैं. न ही गणपति को कभी अकेला छोड़तें हैं.
विसर्जन के दौरान बहुत सी गणेश प्रतिमाएं चोरी हो जाती हैं. जिन्हें लोग श्रद्धा भाव से घरों में पुनः प्रतिष्ठित करके पूजन करते हैं .यह चोरी विवाह योग्य युवक और युवतियों द्वारा की जाती है. इस परम्परा का चलन पहले बुन्देलखण्ड में होता था, लेकिन बाद में यह चलन अन्य क्षेत्रों में भी फ़ैल गया .
भगवान गणेश को सर्वसिद्धिदाता माना जाता है , रिद्धि सिद्धि के स्वामी भगवान् गणेश की प्रतिमा को विवाह योग्य युवक युवतियों द्वारा गणेश विसर्जन के समय नदी या तालाब के किनारे से विसर्जन से पहले चुरा लिया जाता है . इसके बाद घर में पूजा वाले स्थान में स्थापित करके इनकी पूजा अर्चना की जाती है , जिससे उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है .